देश में बने इंदौर के मेडिकल कॉलेज की पहचान

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इंदौर : इंदौर का महात्मा गांधी स्मृति मेडिकल कॉलेज देश में अपनी पहचान बनाये। यहाँ रिसर्च एंड डेवलपमेंट और नवाचार के लिए पृथक से विंग स्थापित की जाए। मेडिकल कॉलेज के अधीन एमएएचएसआई के समस्त विद्यार्थियों का चिकित्सा शिक्षा विभाग की बीमा योजना के तहत बीमा किया जाए।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने आज इंदौर के महात्मा गांधी स्मृति मेडिकल कॉलेज की सामान्य परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। बैठक में श्री गौरव रणदिवे संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय दीक्षित, एमवायएच के अधीक्षक डॉ. पी.एस. ठाकुर, डॉ. सलिल भार्गव, डॉ. सुमित शुक्ला सहित मेडिकल कॉलेज के अधीन सभी चिकित्सालयों के अधीक्षक उपस्थित थे।

बैठक में मेडिकल कॉलेज की सामान्य परिषद बैठक 2017 में लिए गए निर्णयों पर कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। साथ ही वर्ष 2017 से लेकर अभी तक के वार्षिक बजट का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत किया गया। मंत्री श्री विश्वास सारंग ने स्मरण कराया की इंदौर में स्थापित सोटो केंद्र राज्य स्तर की संस्था है। अतः मध्य प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज से समन्वय कर इसे और अधिक परिणाममूलक बनाया जा सकता है।

मंत्री श्री विश्वास सारंग ने बैठक में कहा कि नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ़ मेडिकल की रीढ़ है। इन्हें अधिक सक्षम बनाए जाने की ज़रूरत है। इस दिशा में एक इंस्टीट्यूट की स्थापना भी होनी चाहिए। बैठक में चर्चा के दौरान मंत्री श्री सारंग ने निर्देश दिए कि अध्ययन अवकाश पर जाने वाले डॉक्टरों की मॉनीटरिंग भी करें। उनके द्वारा अर्जित नई डिग्री से महाविद्यालय को क्या फ़ायदा मिल रहा है इस बात का आकलन भी किया जाना चाहिए। मंत्री श्री विश्वास सारंग ने मेडिकल कॉलेज के अधीन बन रहे आडिटोरियम की जानकारी भी ली।

उन्होंने कहा कि इस आडिटोरियम में शासन का बहुत अधिक पैसा लग चुका है। बताया गया कि इसके निर्माण में 9 करोड़ रुपये की राशि लग चुकी है और 12 करोड़ रुपये की और आवश्यकता है। मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि मेडिकल कॉलेज को पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर संचालित किया जाना चाहिए, ताकि मेडिकल कॉलेज को इसके रख रखाव और संचालन में अधिक भार सहन नहीं करना पड़े। साथ ही अतिरिक्त राशि भी अर्जित हो सके। एक हजार की क्षमता वाला यह आडिटोरियम इंदौर के लिए एक अतिरिक्त संसाधन बनाना चाहिए।

बैठक में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि कोविड काल में मेडिकल कॉलेज की मेडिसन विंग द्वारा उपचार में अग्रणी भूमिका अदा की गई। मेडिकल कॉलेज द्वारा म्यूकर के निर्धारित उपचार का प्रोटोकॉल का समूचे देश में अनुसरण किया गया। साथ ही मेडिकल कॉलेज में बोन मेरो ट्रांसप्लांट में भी अच्छा कार्य किया हुआ है। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के अधीन एमवाय हॉस्पिटल में देश के सबसे आधुनिक मोर्चरी बनायी गई है। यहाँ अधिकतम 44 की क्षमता तक शवों को सुरक्षित रखा जा सकता है।

बैठक में बताया गया कि कल्याणमल नर्सिंग होम की रिक्त भूमि पर स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर आफ्थमोलॉजी की स्थापना की जा रही है। यह कार्य पूर्णता की ओर है। बैठक में बताया गया कि मेडिकल कॉलेज द्वारा अंग प्रत्यारोपण में अहम भूमिका निभाई जा रही है।