बदलते मौसम, गंदा पानी और मिलावटी खाना… इन सबका सबसे पहला और कमजोर शिकार बनते हैं हमारे बच्चे. हाल ही में देश के कई हिस्सों से बच्चों में टाइफाइड के मामलों में तेजी देखी जा रही है. यह केवल एक बुखार नहीं, बल्कि लापरवाही की हालत में जानलेवा संक्रमण भी बन सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) अभी पूरी तरह विकसित नहीं होती, इसलिए वे आसानी से साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाते हैं. यह बैक्टीरिया अक्सर गंदे पानी, खुले खाने और खराब स्वच्छता के जरिए शरीर में प्रवेश करता है.
बच्चों में टाइफाइड के आम लक्षण
1. लगातार तेज बुखार (103-104°F तक)
2. थकान और कमजोरी
3. पेट में दर्द या ऐंठन
4. भूख में कमी
5. दस्त या कब्ज
6. शरीर पर हल्के गुलाबी दाने (Rose Spots)
7. सिरदर्द और उल्टी की शिकायत
टाइफाइड से बचाने के लिए जरूरी हैं ये वैक्सीनेशन
डॉक्टरों के अनुसार, टाइफाइड का टीका बच्चों को कम उम्र में ही लगवाना बेहद जरूरी है:
. Typhoid Conjugate Vaccine (TCV): यह वैक्सीन 6 महीने से 2 साल की उम्र के बीच दी जा सकती है.
. Booster Dose: 2–3 साल बाद बूस्टर डोज देना भी जरूरी होता है, खासकर हाई-रिस्क एरिया में रहने वाले बच्चों को वैक्सीनेशन से शरीर को उस बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता मिलती है, जिससे गंभीर संक्रमण की संभावना बेहद कम हो जाती है.
घरेलू उपाय जो बन सकते हैं सुरक्षा कवच
वैक्सीनेशन के साथ कुछ घरेलू सावधानियां बच्चों को टाइफाइड से बचाने में बेहद कारगर हो सकती हैं:
1. उबालकर ठंडा किया गया पानी पिलाएं- बच्चों को सीधे नल का पानी या बाहरी पानी न पिलाएं, हमेशा उबला हुआ या फिल्टर्ड पानी दें.
2. खाने में रखें साफ-सफाई- बाहर का खाना, कटे फल या स्ट्रीट फूड से बच्चों को दूर रखें। घर का ताजा और हल्का भोजन ही दें.
3. तुलसी और गिलोय का काढ़ा- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सप्ताह में 2-3 बार हल्का गिलोय-तुलसी का काढ़ा दिया जा सकता है (सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर).
4. नीम का पानी या स्नान- नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. बच्चों को नीम के पत्तों के पानी से नहलाने से त्वचा संक्रमण भी दूर रहता है.
5. साफ हाथ, साफ बर्तन- बच्चों को खाने से पहले और बाद में हाथ धोने की आदत डालें, स्कूल से लौटकर हाथ-पैर जरूर धुलवाएं.
कब डॉक्टर को दिखाएं?
यदि बच्चा 3 दिन से ज्यादा बुखार, भूख न लगना, लगातार थकान और पेट दर्द की शिकायत करता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. रक्त परीक्षण (Widal Test, Typhi-Dot आदि) के माध्यम से टाइफाइड की पुष्टि की जाती है.