क्या आप भी घर में पड़ी एक्सपायर्ड दवाओं को सीधा डस्टबिन में फेंक देते हैं? अगर हां, तो ये साधारण सी लगने वाली आदत बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है, और किसी की जान भी खतरे में डाल सकती है — खासकर बच्चों, पालतू जानवरों और पर्यावरण के लिए.
क्यों है एक्सपायर दवाएं फेंकना खतरनाक?
बच्चों के हाथ लग सकती हैं दवाएं- छोटे बच्चे अक्सर घर में चीजें उठाकर मुंह में डाल लेते हैं. यदि गलती से एक्सपायर्ड गोली या सिरप उनके हाथ लग गया, तो फूड पॉयज़निंग, दौरे या जानलेवा रिएक्शन हो सकता है.

जानवर भी बन सकते हैं शिकार- कचरे में पड़ी एक्सपायर्ड दवाएं आवारा जानवरों या पालतू पेट्स द्वारा खा ली जाती हैं. इससे गंभीर एलर्जी, ऑर्गन फेलियर या तत्काल मौत का खतरा होता है.
पर्यावरण को नुकसान- डस्टबिन से ये दवाएं लैंडफिल या नालियों में जाती हैं, जिससे पानी और मिट्टी प्रदूषित होती है. यह धीरे-धीरे खेतों, पेयजल और जलचर जीवन को भी प्रभावित करती हैं.
नकली दवा बनाने वालों के हाथ लग सकती हैं- कई बार कबाड़ और कूड़े से उठाई गई एक्सपायर दवाएं फर्जी पैकिंग में दोबारा बेची जाती हैं, जिससे समाज में नकली दवाओं का कारोबार फलता-फूलता है.
सही तरीका क्या है एक्सपायर दवाएं नष्ट करने का?
1. मेडिकल स्टोर या फार्मेसी में लौटाएं- कई प्रतिष्ठित मेडिकल स्टोर पुराने या एक्सपायर्ड दवाएं रिसाइक्लिंग या सही डिस्पोजल के लिए वापस लेते हैं.
2. हॉस्पिटल या डिस्पोजल सेंटर से संपर्क करें- अधिकांश बड़े अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल की व्यवस्था होती है. वहां आप दवाएं जमा करवा सकते हैं.
3. घर पर करें सुरक्षित डिस्पोजल- यदि कोई विकल्प न हो, तो दवाओं को कुचलें, पानी में घोलें, अखबार में लपेटें और अलग बैग में बंद करके फेंकें — ताकि कोई दोबारा उनका उपयोग न कर सके.
सरकार और WHO की क्या है सलाह?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और कई सरकारी स्वास्थ्य एजेंसियां बार-बार चेतावनी देती हैं कि “एक्सपायर्ड दवाओं का गैर-जिम्मेदार निपटान सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा है.”