फोन यूज़ करने वालों सावधान, बाबा वेंगा की डरावनी भविष्यवाणी सुनकर उड़ जाएंगे होश

बाबा वेंगा अपनी रहस्यमयी और सटीक भविष्यवाणियों के लिए जानी जाती हैं, जिनमें से कई आज सच होती दिख रही हैं। उन्होंने मोबाइल फोन की लत को लेकर भी चेतावनी दी थी, जो आज के समय में बेहद प्रासंगिक और चौंकाने वाली लगती है।

Abhishek Singh
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बाबा वेंगा को उनकी कई रहस्यमयी और सटीक भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है। अपनी मृत्यु से पहले उन्होंने ऐसी कई बातें कही थीं जो आज के समय में हैरान और डराने वाली लगती हैं। उन्हीं में से एक भविष्यवाणी मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर भी थी, जो आज के दौर में काफी चौंकाने वाली मानी जा रही है। गौरतलब है कि बाबा वेंगा का निधन 1997 में हुआ था, यानी करीब 28 साल पहले, लेकिन वे भविष्य की कई घटनाओं को पहले ही भांप चुकी थीं।

जानिए कौन थीं बाबा वेंगा?

बाबा वेंगा का जन्म 31 जनवरी 1911 को बुल्गारिया में हुआ था। बचपन में एक भीषण तूफान के दौरान उन्होंने अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी। हालांकि, इसके बावजूद वे ऐसी कई चौंकाने वाली भविष्यवाणियां करती थीं जो प्राकृतिक आपदाओं, राजनीतिक घटनाक्रमों और वैश्विक घटनाओं से जुड़ी होती थीं—जिनका असर लाखों लोगों पर पड़ सकता था।

क्या सच होती हैं बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां?

बाबा वेंगा की कई भविष्यवाणियां ऐसी रही हैं जो समय के साथ सच साबित हुई हैं। उन्होंने न केवल द्वितीय विश्व युद्ध की भविष्यवाणी की थी, बल्कि 2004 की विनाशकारी सुनामी, 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए आतंकी हमले और स्टालिन व जार बोरिस III की मृत्यु से जुड़ी जानकारियां भी पहले ही दे दी थीं। इतना ही नहीं, बाबा वेंगा ने दावा किया था कि वर्ष 2025 से तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो सकती है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा था कि 2043 तक यूरोप में मुस्लिम शासन स्थापित हो सकता है।

क्या कहती हैं बाबा वेंगा की भविष्यवाणी?

बाबा वेंगा ने अपनी एक भविष्यवाणी में कहा था कि वर्ष 2022 से लोग स्क्रीन पर अत्यधिक समय बिताने लगेंगे। अगर आज के हालात देखें तो यह बात काफी हद तक सच साबित हो रही है। मोबाइल फोन की लत लगातार बढ़ रही है और यह सिर्फ किसी एक आयु वर्ग तक सीमित नहीं है—बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई इसकी चपेट में है। मोबाइल, टीवी या लैपटॉप—इन सभी उपकरणों की निर्भरता अब केवल किसी एक देश की नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर देखने को मिल रही है। यहां तक कि छोटे बच्चे भी आज स्क्रीन के आदी हो चुके हैं।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि भारत में लगभग 24% बच्चे सोने से पहले स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, करीब 37% बच्चों में स्क्रीन टाइम ज्यादा होने के कारण एकाग्रता की कमी देखी गई है, जिससे वे किसी भी कार्य पर ठीक से ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते।