पीपल

Akanksha
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धैर्यशील येवले इंदौर
मैं एक वृक्ष पीपल का
अनेक झंझावात झेल
आज खड़ा हूँ
सुद्रढ़ तना व गहरी
जड़ो के साथ ।

दीर्घ जीवन
का प्रतीक हूँ
प्राणवायु उत्सर्जन
ही मेरा कर्मयोग है
कच्चे धागों से बंध
मैं खड़ा हूँ
जीवन के साथ ।

मैं विश्वास भी हूँ
और आस्था भी
जड़ हूँ पर
चेतन भी
मैं गतिमान हूँ
निष्काम भाव के साथ ।

तुझ सी सुकोमल
लता के लिए
मार्ग प्रशस्त कर सकता है
मेरा सुद्रढ़ तना
मेरा भाग्य तय करेगा
की तुम पुष्प पल्लवित
लता बन मुझे महकाती हो
या छा जाओगी
मेरे ऊपर
अमरबेल सी
अपनी नियति के साथ ।