पटना। अपने घर से बाहरी शहरों में जाकर अपना और अपने परिवार का पेट पालने वाले मजदूरों में बीते दो लॉकडाउन के मंजर का खौफ एक बार फिर दिलों दिमाग पर असर कर रहा है। इसके पीछे कारण कोरोना की तीसरी लहर की मौजूदा स्थिति है और यही कारण सामने आ रहा है कि प्रवासी मजदूर अपने घर वापस लौटने लगे हैं। वहीं बड़ी संख्या में बिहार के प्रवासी मजदूर राज्य में लौट आए। 2020 का वो दृश्य लोग अभी तक नहीं भूले है। उस दौरान जब लाखों की संख्या में मजदूर जैसे-तैसे अपने घर पहुंचने की जद्दोजहद करते रहे। कई तो हजारों किमी साइकिल चलाते हुए घर लौट आए तो कइयों ने रास्ते में ही अपनी जान गंवा दी।
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2 साल बाद अब जब व्यवस्था कुछ-कुछ पटरी पर लौट ही रही थी कि तब ही कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी। साथ ही ओमिक्रॉन की आशंका से कई राज्यों ने सख्ती बढ़ा दी है। इसी कड़ी में अब प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में बिहार वापसी करने लगे हैं। बता दें कि, बिहार के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर आ रही इन मजदूरों की भीड़ को कोरोना के कारण फिर से लॉकडाउन लगाए जाने का डर है। फिलहाल जिस गति से प्रवासी मजदूर वापस बिहार लौटने लगे हैं इसे देखते हुए एक बार फिर 2020 के मध्य का वही दृश्य उभर आया है।
वहीं लौट रहे प्रवासी मजदूरों ने कहा कि अगर फिर से देश में लॉकडाउन लगा तो उनके लिए स्थिति गंभीर हो जाएगी। बाद में घर लौटने में भी मुश्किल होगी ऐसे में वे समय रहते अपने घर वापस आना चाहते हैं। बता दें कि दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब व हरियाणा से वापस लौटने वाले मजदूरों की अधिक संख्या है। देशभर में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए लोग अब अपने-अपने गांव लौटने लगे हैं। बता दें कि दिल्ली में तो शुक्रवार की शाम से दो दिन का लॉकडाउन लगाया गया। साथ ही पंजाब, यूपी, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में चुनाव आयोग ने रैलियों व चुनाव सभाओं पर रोक लगा दी है।
लौटने वाले मजदूरों ने बताया कि, दिल्ली और मुंबई में कोरोना बहुत तेजी से अपने चपेट में लोगों को ले रहा है। इस स्थिति में राज्य सरकारों के द्वारा कई कड़े नियम भी लगाए जा रहे हैं। बावजूद इसके कोरोना की रफ्तार कम नहीं हो रही है। ऐेसे में आशंका है कि फिर एकबार कहीं लॉकडाउन की घोषणा नहीं हो जाए।