किसानों के दिल्ली में कूच करने को लेकर राजधानी की सीमाओं को सील कर दिया गाया है। सिंघु, टिकरी समेत अन्य बॉर्डर पर निगरानी बढ़ा दी गई है। सुरक्षा की दृष्टि से सीमावर्ती क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया जा रहा है। मेट्रो पर भी किसान आंदोलन का असर साफ देखने को मिल रहा है।
हालांकि ज्यादातर किसान फतेहगढ़ साहेब से चले हैं, जोकि पहले शंभू बॉर्डर के जरिए हरियाणा में प्रवेश करेंगे और फिर दिल्ली में घुस पाएंगे. लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि दिल्ली के आस-पास वाले जिलों से किसान दिल्ली में घुसने का प्रयास करें. इसको देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है.
हरियाणा-दिल्ली टिकरी बॉर्डर की बात करें तो यहा पर किसानों का जबरदस्त पहरा है। इस बार्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है. दिल्ली पुलिल ने टिकरी बॉर्डर की ओर जाने वाले रास्ते को एक किलोमीटर पहले ही सील कर दिया है. किसी भी वाहन को बॉर्डर की ओर आगे नहीं जाने दिया जा रहा है.किसानों को रोकने के लिए टिकरी बॉर्डर पर कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई है. यहं पहले सीमेंट के बैरिकेड लगाए गए हैं, उसके ऊपर से कंटीले तार लगाए गए हैं. उसके बाद फिर लोहे की बैरिकेडिंग और कंटीले तार लगाए गए हैं. बैरिकेडिंग के बाद लोहे के बड़े-बड़े कंटेनर लगाए गए हैं. पुलिस ने पूरी तैयारी की है कि किसी भी हालात में किसानों को दिल्ली में नहीं घुसने दिया जाए.
किसानों को रोकने के लिए नोएडा से लगने वाले चिल्ला बॉर्डर पर भी पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है. हालांकि इस बॉर्डर को सील नहीं किया गया है. यहां बैरिकेडिंग कर लोगों से आने-जाने दिया जा रहा है. पुलिस बल तैनात है, हालांकि उन्हें रोका नहीं जा रहा है. अगर किसी भी तरह से हालात बिगड़ते हैं तो बॉर्डर को सील कर दिया गया है
गौरतलब है कि कई किसान संघों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। बीते दिन शंभू बार्डर पर किसानो और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली है।