भारत में कई ऐसे प्रतिष्ठित मंदिर हैं, जो जनआस्था का केंद्र बने हुए हैं। इन्हीं में एक प्रमुख नाम है ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर का, जहां न केवल देशभर से, बल्कि दुनियाभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। भगवान जगन्नाथ को श्रीहरि विष्णु का अवतार माना जाता है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्रिदेवों में से एक हैं।
जगन्नाथ पुरी का मंदिर अपनी भव्य वार्षिक रथयात्रा के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए श्रद्धालु दूर-दराज़ से पहुंचते हैं। हर साल लाखों लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के बाद यहां प्रसाद के रूप में प्रसिद्ध ’56 भोग’ का स्वाद लेने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की रसोई विश्व की सबसे बड़ी रसोईयों में से एक है, जहां प्रतिदिन हजारों भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है। लेकिन एक रहस्यमय बात यह है कि इस रसोई में बनने वाले प्रसाद में टमाटर का बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया जाता। आखिर क्यों? आइए जानते हैं इसके पीछे की मान्यता।

जगन्नाथ रसोई में क्यों वर्जित है विदेशी सब्जियां?
दरअसल, ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ को चढ़ाए जाने वाले महाप्रसाद की तैयारी में केवल स्थानीय सामग्री का उपयोग किया जाता है। इस पवित्र प्रसाद में क्षेत्रीय खाद्य पदार्थों को ही शामिल किया जाता है। यही नहीं, प्रसाद पकाने के लिए पारंपरिक तरीके अपनाए जाते हैं और मिट्टी व ईंट से बने विशेष बर्तनों का ही इस्तेमाल किया जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाप्रसाद तैयार करने के लिए मंदिर परिसर में कुल 240 मिट्टी और ईंट से बने चूल्हों का उपयोग होता है। प्रत्येक चूल्हे पर नौ बर्तन एक के ऊपर एक रखकर प्रसाद पकाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये नौ बर्तन नवग्रहों, नौ प्रकार के अन्नों (नवधान्य) और नौ दुर्गाओं का प्रतीक होते हैं।
जगन्नाथ रसोई में टमाटर वर्जित क्यों?
असल में, उड़िया भाषा में टमाटर को ‘बिलाती’ कहा जाता है, जो कि एक विदेशी शब्द है। इसी कारण से जगन्नाथ पुरी मंदिर की रसोई में तैयार होने वाले महाप्रसाद में टमाटर का उपयोग वर्जित है। मान्यता है कि टमाटर की उत्पत्ति भारत में नहीं हुई थी, बल्कि इसे विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा यहां लाया गया था। इस विदेशी मूल के कारण इसे पवित्र प्रसाद में शामिल नहीं किया जाता। इतना ही नहीं, टमाटर के साथ-साथ आलू और कुछ अन्य विदेशी सब्जियों का भी प्रसाद में प्रयोग पूरी तरह निषिद्ध है।
इन सब्जियों पर भी मंदिर में है सख्त रोक
यह जानना दिलचस्प है कि महाप्रसाद में टमाटर के साथ-साथ आलू, फूलगोभी, पत्तागोभी, चुकंदर, मक्का, हरी मटर, गाजर, शलजम, शिमला मिर्च, धनिया, बीन्स, हरी मिर्च, भिंडी, करेला और खीरे जैसी सब्जियों का उपयोग भी वर्जित है। इन सब्जियों को प्रसाद की शुद्धता और परंपरागत सिद्धांतों के चलते शामिल नहीं किया जाता।