1 करोड़ साल पुराने Dinosaur के अंडे मिले, भू सर्वेक्षण अधिकारी भी हैरान

Akanksha
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इंदौर। बड़वानी जिले के सेंधवा विकासखंड की वरला तहसील के जंगल में 10 अंडाकार चट्टानें (10 million year old dinosaur eggs found) मिली हैं। जिसे देखकर सभी लोग दंग रह गए है जिसके बाद अब इसे लेकर रहस्य गहरा गया है। साथ ही पुरातत्व विभाग ने दावा किया था कि ये अंडाकार चट्टानें डायनासोर के अंडे हैं। लेकिन जियोलॉजिक्ल एक्सपर्ट इस दावे को खारिज कर रहे हैं। इसे लावा से बना बेसाल्ट पिंड (basaltic rocks) बता रहे हैं।

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पुरातत्वविदों ने एमपी (MP) के सेंधवा में क्रेटेशियस काल के 10 डायनासोर के अंडे की खोज की है। मिली जानकारी के अनुसार यह अंडे 145-66 मिलियन साल पुरानी हो सकती हैं। साथ ही पुरातत्व विभाग के अधिकारी डॉ डीपी पांडे ने कहा कि एक जमीनी सर्वेक्षण के दौरान पुरातत्व और वन अधिकारियों की टीम ने कुछ दिनों पहले एक जंगल में अंडे के आकार की ये बड़ी वस्तुएं पाईं। इनमें सबसे बड़े का वजन 40 किलो और कई 25-25 किलोग्राम के हैं। उन्होंने कहा कि मैं तीन अंडे इंदौर लाया हूं। पुरातत्व विभाग की तरफ से इन अंडों को इंदौर संग्रहालय में प्रदर्शित किए जाने की संभावना है।

पांडे ने कहा कि वह और छह वन रेंजर 30 जनवरी से सेंधवा के एक क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहे हैं। वहीं, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के पूर्व उप महानिदेशक डॉ धनंजय मोहबे ने कहा कि यह वस्तुएं 67-64 मिलियन वर्ष पुरानी लगती हैं, लेकिन यह दक्कन ज्वालामुखी की बेसाल्टिक चट्टानें की तरह दिखती हैं। साथ ही डॉ धनंजय मोहबे ने कहा कि बेसाल्टिक चट्टानों पर प्याज के छिलके नुमा कवच हैं। उन्होंने कहा कि 2007 में एमपी के धार जिले में डायनासोर के अंडे मिले थे। एक घोसले में बड़ी संख्या में इनके जीवाश्म मिले थे।

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उन्होंने कहा कि इसके लिए एक म्यूजियम बनाने की योजना है। धार में मिले अंडे को मांडू स्थित फॉसिल पार्क में रखा गया है। फिलहाल 10 अंडाकार चीजों पर पुरातत्व विभाग और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अलग-अलग तर्क हैं। मगर यह स्पष्ट है कि एमपी में डायनासोर के जीवाश्म मिलते रहे हैं। इसे लेकर शोध भी जारी है।