इंदौर के कनाड़िया बायपास पर दिल्ली पब्लिक स्कूल बस हादसे को लेकर नया मोड़ आया है। दरअसल अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश शर्मा की कोर्ट ने मृत बच्चे के परिजन की और से दायर पुनरीक्षण याचिका स्वीकार करते हुए अधीनस्थ न्यायालय का आदेश त्रुटिपूर्ण मानते हुए उसे निरस्त करते हुए आदेशित किया है।
अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश शर्मा की कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मेरे मतानुसार इस दुर्घटना में न केवल वाहन चालक की लापरवाही थी, बल्कि स्कूल प्रबंधन और उसके जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा भी लापरवाही की गई है, जिसके परिणामस्वरूप यह दुर्घटना हुई। उन्होनें सवर्वाेच्च न्यायालय द्वारा एमसी मेहता व अन्य विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया में दी गई गाइड लाइन का जिक्र किया और कहा की गाइड लाइन का पालन नही किया गया है। साथ ही उन्होनें आईएएस रुचिका चौहान की जांच रिपोर्ट का अवलोकन कर पुनः विधि अनुसार आदेश पारित करने का आदेष दिया है।
आपको बता दें 5 जनवरी 2018 को कनाड़िया बायपास पर बच्चों को ले जा रही डीपीएस की हादसे का शिकार हो गई थी ,जिसमें चार बच्चों व ड्राइवर की मौत हो गई थी और छह घायल हो गए थे। इस हादसे में मृत एक बच्ची हरप्रीत कौर के पिता गुरजीतसिंह ने धारा 156-3 के तहत डीपीएस के चेयरमैन और अन्य के विरुद्ध परिवाद पेश किया था। हालांकि इस पर अधीनस्थ न्यायालय ने यह कहते हुए परिवाद खारिज कर दिया कि स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध इस संबंध में साक्ष्य का अभाव है ।
वही अब कोर्ट द्वारा लिए गए इस निर्णय से मृत बच्चों के परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। इतना ही नही अपर सत्र न्याधीष ने अपने फैसले में कहा कि स्कूल प्रबंधन और उसके जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा भी लापरवाही की गई है, जिसके परिणामस्वरूप यह दुर्घटना हुई। कोर्ट ने कहा कि अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अपने आदेश में उक्त मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट को विचार में लिया जाना प्रकट नहीं होता है, इसलिए उनका यह आदेश निश्चित ही त्रुटिपूर्ण है और स्थिर रखे जाने योग्य नहीं है।