Health Care: प्रदूषण से न हो परेशानी, दिवाली पर ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल

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Health Care : जैसे-जैसे मौसम ठंडा होता है, प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगता है, जिससे हवा की गुणवत्ता में गिरावट आती है। विशेष रूप से दिवाली के बाद, वायु गुणवत्ता के और बिगड़ने की आशंका है। इससे सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जुकाम, सिरदर्द, एलर्जी, और आंखों में जलन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों की सेहत का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक और स्वास्थ्य समस्याएं

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में वृद्धि प्रदूषण के कारण वायु की गुणवत्ता में गिरावट को दर्शाती है। फैक्ट्रियों, मोटर वाहनों और दिवाली पर पटाखों से प्रदूषण में इजाफा होता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस स्थिति में स्वास्थ्य का ध्यान रखने के कुछ उपाय जानने जरूरी हैं।

मास्क का उपयोग

सभी आयु वर्ग के लोगों, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को, बाहर निकलते समय मास्क पहनना चाहिए। यदि बच्चा बहुत छोटा है, तो उसे घर से बाहर ले जाने से बचें। घर में मच्छर भगाने वाले कॉइल जलाने से भी परहेज करें और इसके बजाय मच्छर भगाने वाले स्प्रे का उपयोग करें।

हाइड्रेटेड रहना

प्रदूषण से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद महत्वपूर्ण है। युवाओं को दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए, जबकि बच्चों और बुजुर्गों को 5-6 गिलास पानी पर्याप्त है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करेगा। छोटे बच्चों को नियमित रूप से स्तनपान कराने का प्रयास करें।

आंखों की देखभाल

प्रदूषित हवा में अपनी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चश्मे का उपयोग करें, खासकर बाइक चलाते समय। अगर आंखों में जलन या लालिमा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आंखों को ठंडे पानी से धोने की आदत डालें और हाथों से रगड़ने से बचें।

खान-पान पर ध्यान

स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना आवश्यक है। अपने आहार में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों (जैसे पालक, संतरे, नींबू, आंवला) को शामिल करें। हल्दी वाला दूध, तुलसी का काढ़ा, और शहद भी इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायक होते हैं। रोजाना अंडे, दूध और लहसुन का सेवन भी लाभदायक रहेगा।

इस प्रकार, ठंडे मौसम में बढ़ते प्रदूषण से बचने के लिए कुछ सावधानियों और उपायों का पालन करना आवश्यक है। इससे न केवल आप अपनी सेहत को सुरक्षित रख पाएंगे, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों की सेहत का भी ख्याल रख सकेंगे।