Diwali 2021 : दिवाली हिन्दू धर्म का सबसे प्रमुख त्योहार में से एक है। इस त्योहार को सभी लोग बड़े ही धूमधाम से मानते है। ये त्यौहार 5 दिन तक मनाया जाता है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। इसके बाद रूपचौदस, दिवाली, गोवर्धन पूजा और आखिरी में भाई-दूज मनाई जाती है। इस वर्ष दीपोत्सव की शुरुआत 2 नवंबर से हो रही है। 2 नवंबर को धनतेरस है, वहीं 3 नवंबर को रूपचौदस, 4 नवंबर को दिवाली, 5 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 6 नवंबर को भाई-दूज मनाई जाएगी।
इस त्योहार को अंधकार पर प्रकाश की विजय का त्योहार माना जाता है। क्योंकि दिवाली के दिन ही श्रीराम अयोध्या लौटे थे। तब पूरी अयोध्या को दीपों से सजाया गया था। दिवाली नजदीक है, ऐसे में आपके पास माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का अवसर है। इसलिए मां लक्ष्मी के स्वागत में दिवाली पर कुछ मंगल कार्य अवश्य करने चाहिए, माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपके घर पधारती हैं। तो चलिए जानते हैं कि कौन से हैं वे मंगल कार्य जिन्हें करने से प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी।
कलश स्थापना जरूर करें
सनातन धर्म में पूजा अनुष्ठान व मांगलिक कार्यों में कलश अवश्य रखा जाता है। दिवाली के दिन भी एक कलश में जलभरकर उसमें आम के पत्ते लगाकर रखना चाहिए व कलश के मुख पर नारियल भी रखना चाहिए। कलश पर रोली या कुमकुम से स्वास्तिक बनाकर मौली बांधना चाहिए। इस तरह से कलश को तैयार करके पूजन स्थान पर रखना चाहिए।
आम के पत्तों का तोरण बनाए
दिवाली पर मां लक्ष्मी के स्वागत में लोग अपने घरों को रंगवाते हैं व उसे तरह-तरह से सजाते हैं, लेकिन इस सब के साथ अपने घर के द्वार पर तोरण अवश्य लगानी चाहिए। दिवाली पर घर के मुख्य द्वार पर आम, पीपल के पत्तों और गेंदे को फूल की माला से तोरण बनाकर लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
फूलों और रंगो से खूबसूरत रंगोली बनाएं
दिवाली पर घर को आंगन और द्वार पर रंगोली बनाने का प्रचलन बहुत पहले से चला आ रहा है। अन्य उत्सवों पर भी लोग अपने घरों में रंगोली जरूर बनाते हैं। समय का अभाव कहें या आधुनिकता आज के समय में लोग बनी-बनाई स्टीकर वाली रंगोली लाकर लगाने लगें हैं लेकिन मां लक्ष्मी के स्वागत में फूलों और रंगो से रंगोली बनानी चाहिए व दीपक प्रज्वलित करके उसे रोशन करना चाहिए। मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर आपके यहां पधारती हैं।