दिग्विजय सिंह ने CM शिवराज को लिखा पत्र, की कठोर कदम उठाने की मांग

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मध्यप्रदेश में इन दिनों सियासत की हलचल काफी तेज होती दिखाई दे रही है. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. वही अपने लिखे पत्र में दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज से अपील की है कि प्रदेश में सुशासन व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और कठोर कदम उठाया जाए.

मैं आपका ध्यान मध्यप्रदेश के सागर जिला मुख्यालय पर शहर के मध्य स्थित सैंकड़ों वर्ष पुरानी तथा लगभग 433 एकड़ क्षेत्रफल में फैली लाखा बंजारा झील (सागर तालाब) की ओर आकर्षित करना चाहता हूॅ जो न सिर्फ सागर शहर बल्कि मध्यप्रदेश की एक प्रमुख ऐतिहासिक धरोहर है। सागर के प्रभावशाली लोगों ने इस ऐतिहासिक झील के चारों ओर लंबे समय से अतिक्रमण कर रखा है तथा यह अतिक्रमण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। परिणामस्वरूप झील का पानी प्रदूषित हो गया है तथा वह निरंतर सिकुड़ती जा रही है। पर्यावरण संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए झील को अतिक्रमणमुक्त करने के लिये नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने वर्ष 2016-17 में महत्वपूर्ण फैसला देकर लाखा बंजारा झील का तत्काल सीमांकन कराने तथा अतिक्रमण मुक्त करने के लिये जिला प्रशासन को निर्देश दिये थे।

जिला प्रशासन सागर द्वारा एन.जी.टी. के निर्देश पर मार्च 2016 में टी.एस.एम. मशीन से सीमांकन करवाया गया था। अधीक्षक, भू-अभिलेख सागर द्वारा कलेक्टर सागर को 43 अतिक्रमणकारियों की सूची प्रस्तुत की गई थी जिसमें भाजपा के पूर्व सांसद श्री लक्ष्मीनारायण यादव के पुत्र सुधीर का भी नाम है। सूची के अनुसार आर.एस.एस. ने भी ‘झील की जमीन पर ‘वंदना संघ कार्यालय’’ बनाकर कब्जा कर लिया है। भाजपा समर्थक अनेक बिल्डर और काॅलोनाइजर्स ने भी झील पर अतिक्रमण कर रखा है। अतिक्रमणकारियों के आपकी पार्टी से जुड़े के होने के कारण प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई और एन.जी.टी. के आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया। स्थानीय नागरिकों द्वारा झील को अतिक्रमण मुक्त करने के लिये सरकार से निरंतर मांग की जा रही है किन्तु अतिक्रमण आज भी जस का तस है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार के पास लाखा बंजारा झील का अतिक्रमण हटाने की या तो इच्छाशक्ति नही है या फिर सरकार अतिक्रमणकारियों से डर रही है।

आपको यह ज्ञात होगा कि सागर शहर को भारत सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत शामिल किया गया है तथा इस झील के पुनरूद्धार तथा इसके विकास और सौंदर्यीकरण को एक फ्लैगशिप प्रोजेक्ट घोषित किया गया है किन्तु मैं कहना चाहूॅगा कि झील के अतिक्रमण को हटाये बिना न तो सागर को स्मार्टसिटी बनाया जा सकता है और न ही इस झील का विकास और सौंदर्यीकरण किया जा सकता है। यह खेदजनक है कि शासन द्वारा अभी तक अतिक्रमण हटाने के लिये कुछ नही किया गया है तथा झील के सौंदर्यीकरण और डिसिल्टिंग (झील की सफाई) कार्य को डी.पी.आर. एवं नियमों के विपरीत किया जा रहा है जिसमें करोड़ों रूपये का गंभीर भ्रष्टाचार हो रहा है। स्मार्ट सिटी कंपनी और नगर निगम प्रशासन द्वारा डिसल्टिंग और सौंदर्यीकरण के नाम पर अनियमितता और फर्जी भुगतान भी किया गया है जिसकी जाॅच हेतु कलेक्टर सागर ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह आश्चर्यजनक है कि इस कमेटी में वे ही अधिकारी शामिल है जो पूर्व से ही घोटालों के आरोपी रहे है।

दिग्विजय सिंह अपने पत्र में लिखा है कि मैं जानता हूॅ कि आर.एस.एस. के कार्यालय और आपकी पार्टी के पूर्व सांसद तथा अनेक कार्यकर्ताओं द्वारा झील पर किया गया अतिक्रमण हटाना आपके लिये काफी काफी मुश्किल भरा होगा। इसके लिये आपको अपनी पार्टी के अंदर आलोचना और क्रोध का शिकार भी होना पड़ेगा, किन्तु मुझे उम्मीद है कि आप भाजपा और संघ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की बजाय अपने राजधर्म के पालन को प्राथमिकता देंगे तथा इस ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण हेतु कठोर कदम उठायेंगे।

जैसा आपने पूर्व में कहा था कि सरकार माफियाओं को जमीन के अंदर गाढ़ देगी, तो मैं उम्मीद करता हूॅ कि लाखा बंजारा झील पर अवैध कब्जा करने वाले भू-माफियाओं और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ आप सख्त कार्यवाही करेंगे। मेरा आपसे अनुरोध है कि सागर के जिला प्रशासन द्वारा तैयार 43 अतिक्रमकारियों की सूची में उल्लेखित सभी लोगों का सागर की ऐतिहासिक धरोहर ‘‘लाखा बंजारा झील’’ से अतिक्रमण हटाने हेतु यथाशीघ्र कठोर कदम उठाने का कष्ट करें।