DA Hike : केंद्र कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, दिवाली से पहले डीए में बढ़ोत्तरी की हुई घोषणा, सैलरी में इतना होगा इजाफा

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DA Hike: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए दिवाली से पहले महंगाई भत्ते (डीए) में 3% की वृद्धि की घोषणा की गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब यह मूल वेतन का 53% हो गया है। यह निर्णय कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर के रूप में सामने आया है, जबकि कई राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए इससे भी अधिक वृद्धि की है।

केंद्र और राज्यों के बीच महंगाई भत्ते में असमानता के कई कारण हैं। केंद्रीय सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से लागू कर दिया है। इसके तहत, डीए में वृद्धि साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में की जाती है। हालाँकि, कोरोना महामारी के दौरान केंद्र ने 18 महीनों के लिए डीए बढ़ोतरी को निलंबित कर दिया था।

कुछ राज्यों ने अभी तक 6वें वेतन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करना जारी रखा है। इसलिए, वे अपने कर्मचारियों के लिए डीए बढ़ोतरी के लिए अलग-अलग गणनाएँ और सिस्टम अपनाते हैं। उदाहरण के लिए, झारखंड के कर्मचारियों का डीए हाल ही में 9% की बढ़ोतरी के बाद 239% हो गया है, जबकि वे अभी भी 6वें वेतन आयोग के तहत कार्यरत हैं।

हाल ही में किए गए राज्यों के डीए में बदलाव

छत्तीसगढ़: राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए डीए में 4% की बढ़ोतरी की है, जिससे कुल डीए 50% हो गया है। यह बढ़ोतरी 1 अक्टूबर से प्रभावी होगी।

ओडिशा: यहां की सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के लिए 4% की वृद्धि की घोषणा की है, जिससे डीए 46% से बढ़कर 50% हो गया है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2024 से लागू होगी।

हिमाचल प्रदेश: राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 4% की बढ़ोतरी की है और दिवाली से पहले 28 अक्टूबर को वेतन और पेंशन का भुगतान सुनिश्चित किया है।

सिक्किम: इस राज्य ने भी 4% की वृद्धि की है, जिसके साथ डीए 50% हो गया है।

झारखंड: यहां के कर्मचारियों को हाल ही में 9% की बढ़ोतरी मिली है, जिससे उनका कुल डीए 239% हो गया है।

केंद्र और राज्यों के बीच डीए में यह असमानता विभिन्न वेतन आयोगों की सिफारिशों के लागू होने के कारण है। जहां केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग का पालन किया है, वहीं कई राज्य अब भी 6वें वेतन आयोग के तहत काम कर रहे हैं। यह स्थिति कर्मचारियों के लिए भिन्न-भिन्न स्तर की महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का कारण बन रही है।