केंद्रीय कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, 50 हजार से 90 हजार तक बढ़ सकती हैं सैलरी

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बस कुछ ही दिन शेष हैं नया साल शुरू होने में है और इसी के साथ तोहफों का दौर भी प्रारम्भ हो सकता है। खबर है कि महंगाई भत्ते के अतिरिक्त 2023 में केन्द्रीय कर्मचारियों को फिटमेंट फैक्टर का तोहफा मिल सकता है। बजट सेशन से पूर्व मोदी सरकार कर्मचारियों की बेसिक पगार बढ़ाने पर सोच विचार कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो कर्मचारियों की पगार में सीधे 49000 से 96000 तक का छलांग आएगा। हालांकि इसकी घोषणा कब होगी। इस संबंध में अभी कोई ऑफिसियल सबूत या स्टेटमेंट अभी तक सामने नहीं आया है।

असल में , वर्तमान में 7th pay commission के अंतर्गत कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 2.57 गुना है और स्टार्टिंग पगार 18000 है। लंबे वक़्त से केन्द्र के कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की डिमांड कर रहे है, ताकी बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी हो सके। आशंका जताई जा रही है कि 2023 में एक बार फिर फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को रिवाइज किया जा सकता है। 2024 के इलेक्शन को देखते हुए मोदी सरकार केंद्रीय बजट के बाद फिटमेंट फैक्टर में बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। इसे 3.00 या 3.68 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है।

किसकी कितनी बढ़ेगी सैलरी

मीडिया सूत्रों के अनुसार मानें तो अगर 2023 में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया जाता है तो 7th pay commission के अंतर्गत कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 से 3.00 या फिर 3.68 फीसदी हो सकता है, इससे बेसिक पगार 18000 से बढ़कर 21000 या 26000 हो जाएगी। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा। 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएगी मतलब सैलरी पगार में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा। 3 गुना फिटमेंट फैक्टर होने पर सैलरी 21000 X 3 = 63,000 रुपये होगी।

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मांग के 3 बड़े कारण

फिटमेंट फैक्टर केन्द्रीय कर्मचारियों की मिनिमम पगार निश्चित करने का एक बड़ा पैमाना माना है। इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के सैलरी में लगभग ढाई गुना से ज्यादा की ग्रोथ होती है।
7th pay commission जो Pay matrix बने है वे Fitment factor पर आधारित हैं, ऐसे में कर्मचारियों को मिलने वाली पगार में फिटमेंट फैक्टर का इम्पोर्टेन्ट किरदार माना जाता है।
ये कर्मचारी के भत्तों के अतिरिक्त उनकी बेसिक पगार (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर बुनियाद पर निश्चित किया जाता है।