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कविता: प्रेम

कविता: प्रेम

By Akanksha JainSeptember 26, 2020

प्रेम में पड़कर मसरूफ़ सा है, प्रेमी इसमें कुछ रूह सा है प्रेम कभी जताता नहीं, अफ़सोस करना सीखाता नहीं। प्रेम के किस्से कई हैं, बातें कई , कितने ही

एक यायावर महाव्रती को नमन करते हुए

एक यायावर महाव्रती को नमन करते हुए

By Akanksha JainSeptember 25, 2020

स्मरण/जयराम शुक्ल मुगलसराय जंक्शन अब पं.दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जाना जाता है। कुछ वर्ष पहले जब नाम बदलने की बात उठी तो यह सुनते ही कई योद्घा विचलित हो

और कितना जार जार होते देखोगे इंसानियत को

और कितना जार जार होते देखोगे इंसानियत को

By Akanksha JainSeptember 23, 2020

निशिकांत मंडलोई शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा,,,, जी हां ये लाइनें आज बरबस ही याद आ गई। 1968 में बनी फिल्म पड़ोसन के लिए गीतकार राजेन्द्र कृष्ण

यदि आपको कोरोना अभी भी मजाक लग रहा है तो यह जरूर पढें

यदि आपको कोरोना अभी भी मजाक लग रहा है तो यह जरूर पढें

By Mohit DevkarSeptember 22, 2020

धर्मेंद्र पैगवार कोरोना मजाक नहीं हैं। आपकी जरा सी लापरवाही आपके पूरे परिवार के लिए घातक हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार मनोज बिनवाल की कहानी से आप सीख ले सकते

भारत-विरोधी आतंक और जासूसी

भारत-विरोधी आतंक और जासूसी

By Akanksha JainSeptember 22, 2020

  डॉ. वेदप्रताप वैदिक नौ आतंकियों और तीन जासूसों की गिरफ्तारी की खबर देश के लिए चिंताजनक है। आतंकी अल-कायदा और पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं और जासूस चीन से!

निजीकरण की तमाम बहस के बावजूद सरकारी नौकरी का मोह जाता नही, क्यों??

निजीकरण की तमाम बहस के बावजूद सरकारी नौकरी का मोह जाता नही, क्यों??

By Akanksha JainSeptember 22, 2020

  वजह ये है कि सरकारी नौकरी एक तिलिस्मी चाभी है जो एक निम्नवर्गीय व्यक्ति को भी समाज के इलीट क्लास में पहुचने का रास्ता दिखाता है, सदियों से जो

‘जान’ जाना है जाए, अब ‘जहान’ जरूरी….

‘जान’ जाना है जाए, अब ‘जहान’ जरूरी….

By Akanksha JainSeptember 21, 2020

दिनेश निगम ‘त्यागी’ कोरोना महामारी बढ़ने के साथ ‘जान है तो जहान है’ का स्थान ‘जान जाना है जाए, अब जहान जरूरी है’, ने ले लिया है। दरअसल, प्रदेश की

जो न समझे वो अनाड़ी है!

जो न समझे वो अनाड़ी है!

By Mohit DevkarSeptember 20, 2020

साँच कहै ता/जयराम शुक्ल एक मित्र सायकिल की दुकान पर मिल गए। बाहर उनकी चमचमाती कार खड़ी थी।  मैंने पूछा-यहां कैसे? वो बोले- डाक्टर ने कहा सायकिल से चला करिए

कमलनाथ उपचुनावों को जनता बनाम दलबदलू बना पाएंगे?

कमलनाथ उपचुनावों को जनता बनाम दलबदलू बना पाएंगे?

By Ayushi JainSeptember 20, 2020

– अरुण पटेल ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ समझे जाने वाले ग्वालियर-चम्बल अंचल में एक जंगी रोड-शो कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस की ताकत का अहसास कराने

अपने नामों पर पाबंदी

अपने नामों पर पाबंदी

By Mohit DevkarSeptember 20, 2020

डॉ. वेदप्रताप वैदिक किसी देश का कोई नागरिक अपना या अपने बच्चों का नाम क्या रखे, इस पर तरह-तरह की पाबंदियां कई देशों में हैं। सउदी अरब ने तो ऐसे

सराफा दुकानों की सुरक्षा के लिए शुरू हुई थी खाने-पीने की दुकानें

सराफा दुकानों की सुरक्षा के लिए शुरू हुई थी खाने-पीने की दुकानें

By Mohit DevkarSeptember 20, 2020

विजय अड़ीचवाल इंदौर के सराफा में सबसे पहले खाने पीने के लिए रात्रिकालीन दुकानें लगाने का निर्णय महाराजा होल्कर ने लिया था। सराफा दुकानें सूर्यास्त होते ही बंद करने का

उपचुनाव में गद्दार-गद्दार का खेल…और गद्दारों पर दांव

उपचुनाव में गद्दार-गद्दार का खेल…और गद्दारों पर दांव

By Akanksha JainSeptember 20, 2020

महेश दीक्षित मध्यप्रदेश में आने वाले दिनों में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं…तारीख की दुदुंभि भले न बजी हो…उपचुनाव का रण जीतने के लिए रण बांकुरे और सेनाएं

भारत-चीन : सच्चाई क्या है ?

भारत-चीन : सच्चाई क्या है ?

By Mohit DevkarSeptember 18, 2020

डॉ. वेदप्रताप वैदिक एक तरफ संसद में रक्षा मंत्री और गृहराज्य मंत्री के बयान और दूसरी तरफ चीनी विदेश मंत्रालय का बयान, इन सबको एक साथ रखकर आप पढ़ें तो

लौह व्यक्तित्व के भीतर धड़कता एक कवि हृदय

लौह व्यक्तित्व के भीतर धड़कता एक कवि हृदय

By Mohit DevkarSeptember 17, 2020

जन्मदिन/जयराम शुक्ल संवेदना, कला-संस्कृति व साहित्य प्रेम के संदर्भ में भी नरेन्द्र मोदी अटलविहारी वाजपेई के वैचारिक वंशधर हैं। उनका कवि पक्ष बहुत कम प्रकाश में आया है..जबकि उन्होंने गुजराती

एकाकी परिवार

एकाकी परिवार

By Mohit DevkarSeptember 17, 2020

लेखक : कमलगुप्ता “विश्वबंधु “ जीव अकेला आया है अकेला ही जायेगा। आत्मा सर्वथा निर्लिप्त है। संसार के सभी बन्धन मिथ्या है। माता-पिता जीव के प्रादुर्भाव के निमित्त है। ईश्वर

संयुक्त परिवार

संयुक्त परिवार

By Mohit DevkarSeptember 17, 2020

लेखक : कमलगुप्ता “विश्वबंधु” बाबर जब हिन्दुस्तान में प्रवेश कर ही रहा था कि उसने एक पहाड़ी गांव में जगह जगह से धुआं उठते देख स्थानिय लोगों से पूछा ये

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के अर्थशास्त्री राज साह ने रांची के स्व० फादर कामिल बुल्के का सम्मान किया

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के अर्थशास्त्री राज साह ने रांची के स्व० फादर कामिल बुल्के का सम्मान किया

By Ayushi JainSeptember 17, 2020

शिकागो के अर्थशास्त्री राज साह ने बेल्जियम में जन्मे हिंदी के प्रख्यात विद्वान फादर कामिल बुल्के के सम्मान में एक स्मृति पट्टिका भेंट की. उल्लेखनीय है कि इस पट्टिका का

भारत कहीं फिसल न जाए

भारत कहीं फिसल न जाए

By Mohit DevkarSeptember 17, 2020

डॉ. वेदप्रताप वैदिक कतर की राजधानी दोहा में चल रही अफगान-वार्ता में भारत भाग ले रहा है, यह शुभ-संकेत है। अफगान-संकट को हल करने के लिए नियुक्त विशेष अमेरिकी दूत

लोग जानना चाहते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए !

लोग जानना चाहते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए !

By Mohit DevkarSeptember 17, 2020

श्रवण गर्ग सहज जिज्ञासा है कि लोग पूछ रहे हैं : ’अब क्या करना चाहिए ?’ एक विशाल देश और उसके एक दूसरे से लगातार अलग किए जा रहे नागरिक

बेहतर मानव संसाधनों के अभाव से जूझता भारत

बेहतर मानव संसाधनों के अभाव से जूझता भारत

By Akanksha JainSeptember 17, 2020

हमारे देश में एक बहुत बड़ी समस्या है बेहतर मानव संसाधनों की कमी, हमें शिकायत रहती है कि हमारे देश में बेहतर वैज्ञानिक नहीं हैं, हमारे पास बेहतर प्रबंधक नहीं