कसावा कंद की फसल अक्टूबर अंत से अच्छी आने का अनुमान

RitikRajput
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सेलम/ इंदौर : साबुदाने के उत्पादन और मार्केटिंग से गत 40 वर्षौं से अधिक समय से जुड़े, सच्चामोती, सच्चासाबु तथा चक्र एगमार्क जैसे प्रसिद्ध विश्वसनीय साबुदाना की निर्माता कम्पनी, साबु ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड, सेलम के प्रबंध निर्देशक गोपाल साबु ने कहा कि जून और जुलाई के महीनों में सेलम के आस – पास की पहाड़ियों से कसावा कंद (जिससे साबूदाना बनता है) की फसल आने से, उस समय बाज़ार में कंद के भाव 12500 रुपये प्रति टन से घट कर 10500 रुपये प्रति टन रह गये थे। चूंकि फसल की मात्रा थोड़ी ही थी इसलिए वर्तमान में कंद के भाव पुन: 12500 – 13000 रुपये प्रति टन हो गए हैं और बाज़ार में मांग होने पर भी अच्छा कंद इस दाम पर नहीं मिल रहा है।

गोपाल साबु ने बताया कि अनुमानत: जहां एक तरफ तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी आदि राज्यों से कसावा कंद में पिछले नौ – दस महीनों से तैयार हो रही फसल अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से उत्पादन केंद्र सेलम में लगातार आने लगेगी, वहीं दूसरी तरफ, वर्तमान में तैयार साबुदाना का स्टॉक जो पिछले सीजन की शुरुआत में करीब 5 से 7 लाख बोरी का था, वह इस वक्त अनुमानतः मात्र 1 लाख बोरी का रह गया है. तथा उसमें भी ज्यादातर स्टॉक हलकी क्वालिटी साबुदाना का है। अत:कसावा की नई फसल आने तक तात्कालिक कुछ समय में मांग अच्छी निकलने पर सेलम में बढ़िया किस्म के तैयार साबुदाना के भाव बढ़ने की ज्यादा सम्भावना है । गत जून-जुलाई माह में सेलम में अच्छी किस्म के साबुदाना के भाव 6500 से 6800 रुपये प्रति क्विंटल थे, वह अभी अनुमानत: 500 रुपये बढ़ भी सकते हैं।

साबु का कहना है कि यह समय माल स्टॉक करने की जगह तैयार माल बाजार भाव में बेचते रहने का है, साबुदाना स्टॉक करने के लिए नवंबर से जनवरी तक का समय उपयुक्त रहेगा।

अपने अन्न उत्पादों के बारे में  साबु ने बताया कि अल्पाहार और कुकरी जॉकी अन्न (मिलेट्स जैसे कुटकी, कोदरा, झंगोरा, कंगनी और रागी इत्यादि) में भी ग्राहकों में मिलेट के गुणों को समझने के कारण मांग में लगातार वृद्धि हो रही है जिससे किसानों को भी अच्छे भाव मिल रहे हैं। मध्य प्रदेश के उपभोक्ताओं – विक्रेताओं ने ॠषि पंचमी की मांग के अवसर पर साबु के मीलेट उत्पादों को अप्रत्याशित प्रतिसाद दिया ।