इंदौर: सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि महापौर और पार्षद पद का निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा नाम निर्दिष्ट होने के दिनांक से मतगणना दिवस तक के खर्च का व्यय लेखा संधारण किया जाना है। इस संबंध में मध्यप्रदेश नगरपालिका निगम अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान है। निर्वाचन व्यय लेखा के संधारण के लिए विनिर्दिष्ट निर्वाचन व्यय पंजियाँ अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन-पत्र के साथ उपलब्ध कराए जाने के निर्देश हैं। निर्वाचन व्यय लेखा पंजी यदि किसी जिले में उपलब्ध नहीं है, तो आयोग से मांग-पत्र भेज कर प्राप्त की जा सकती हैं।
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निर्वाचन व्यय लेखा के लिए बैंक खाता पृथक से संधारित किया जाए। इस प्रक्रिया में यदि कोई कठिनाई हो रही है, तो आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी स्पष्ट प्रस्ताव भेजें। आयोग द्वारा जिले से प्राप्त प्रस्ताव के परीक्षण के बाद मार्गदर्शन दिया जाएगा। निर्वाचन व्यय लेखा संधारण के साथ ही छाया प्रेक्षण पंजी (Shadow Observation Register) का संधारण भी किया जाना है।