बीएसएनएल के 14,917 टावर्स प्राइवेट कंपनियों के हाथों में, उपयोग के लिए करना होगा भुगतान

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भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) भारत की सबसे प्राचीन संचार सेवा प्रदाता कंपनी है। वर्तमान में भारत सरकार का यह संचार सेवा उपक्रम अपने अबतक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। कम्पनी बीते एक दशक से बड़े नुकसान में चल रही है और बदहाली की स्थिति में है। सरकार ने BSNL के 14,917 टावर्स को प्राइवेट कंपनियों को सौंपने का फैसला किया है। BSNL को ही इन टावर्स (Towers) और ऑप्टिक फाइबर को यूज करने के लिए भविष्य में निजी फर्म्स को भुगतान करना होगा।

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1.64 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है सरकार ने

बीएसएनएल की डगमगाती स्थिति को देखते हुए सरकार इसे बचाने के हर सम्भव प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार के द्वारा बीएसएनएल के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है। ताजा जानकारी के अनुसार सरकार ने BSNL और BBNL के विलय को भी स्वीकृति दे दी है।

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कैसे हुई इतनी खराब हालत

टेलिकॉम सेक्टर्स में प्रायवेट कंपनियों के दखल के बाद से ही बीएसएनएल के पैर लगातार लड़खड़ाने लगे। संचार के क्षेत्र में कभी एक तरफा राज करने वाली बीएसएनएल आज अपने अस्तित्व के लिए ही संघर्ष करती नजर आ रही है। आइडिया, एयरटेल के बाद रिलायंस के जिओ के टेलिकॉम सेक्टर में प्रवेश के बाद से लगातार घाटे में चल रही बीएसएनएल पिछले दस सालों में हजारों करोड़ का नुकसान उठा चुकी है। बीएसएनएल के लिए कहा जा सकता है कि यह कम्पनी अबतक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है।