जब मरणासन्न Amitabh Bachchan के लिए डॉक्टरों ने दे दिया था जवाब, पत्नी जया के हाथों में मौजूद हनुमान चालीसा ने बचाई थी जान

Shivani Rathore
Published:

बॉलीवुड (Bollywood) के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को कौन नहीं जानता। जहां देशभर में उनके करोडो प्रशंसक हैं वहीं विदेशों में भी उनके प्रशंसकों की एक बहुत ही लम्बी फेहरिस्त है। उनके प्रशंसक उनसे जुड़ी हर खबर को लेकर काफी उत्सुक रहते हैं। एक दौर ऐसा भी आया था जब बॉलीवुड का ये महानायक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा था। दरअसल 1982 में आई फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान एक सीन में पुनीत इस्सर का मुक्का अमिताभ की पेट की आंत में लगता है, जिसके बाद उनकी हालत बुरी तरह से बिगड़ जाती है।

जब मरणासन्न Amitabh Bachchan के लिए डॉक्टरों ने दे दिया था जवाब, पत्नी जया के हाथों में मौजूद हनुमान चालीसा ने बचाई थी जान

Also Read-Aamir Khan की बेटी की हुई सगाई, बॉयफ्रेंड नूपुर शिखरे ने Ira Khan को पहनाई अंगूठी, बदले में मिला KISS

डॉक्टरों ने दे दिया था जवाब

कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान हुए इस गंभीर हादसे के बाद अमिताभ को मुंबई के बीच क्रेंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। एक समय ऐसा भी आया कि जब अमिताभ पर दवाइयों ने असर दिखाना बंद कर दिया और डॉक्टरों ने अमिताभ की जिंदगी को लेकर जवाब दे दिया था। देशभर सहित पूरी दुनिया में मौजूद उनके प्रशंसकों में चिंता की लहर अपने प्रिय सितारे के लिए देखने को मिली थी।

जब मरणासन्न Amitabh Bachchan के लिए डॉक्टरों ने दे दिया था जवाब, पत्नी जया के हाथों में मौजूद हनुमान चालीसा ने बचाई थी जान

Also Read-Share Market Prediction : बजाज फायनेंस के शेयर्स में उछाल के संकेत, जानिए कौन से शेयर दे सकते हैं बड़ा मुनाफा

जया के हाथों में थी हनुमान चालीसा, लौटी साँसे

बीच क्रेंडी अस्पताल में मरणासन्न अमिताभ को देखने उनकी पत्नी जया बच्चन पहुंची, उसवक्त उनके हाथों में हनुमान चालीसा की एक पुस्तक थी। उस वक्त डॉक्टर्स भी घबराए हुए थे और अमिताभ को बचाने के लिए हार्ट को पम्प कर रहे थे। अमिताभ के बचने की उम्मीद हालांकि डॉक्टरों ने भी छोड़ दी थी, लेकिन प्रयास जारी था। इसी दौरान प्रार्थना में मग्न जया बच्चन ने अमिताभ के पैर के अंगूठे में हरकत दिखाई दी तो वे जोर से चीखीं, जिसके बाद डॉक्टरों ने अमिताभ की सेहत में सकारात्मक परिवर्तन महसूस किए और मौत के मुँह से वे वापस लौट आए।