भगवान राम की नगरी अयोध्या में इन दिनों भक्तों के दर्शन करने का सिलसिला लगातार जारी है. इस बीच रामलला से जुड़ी एक बड़ी जानकारी सामने आ रहे है, जिसके मुतबिक अब यहां आने वाले भक्तों के माथे पर तिलक नहीं लगाया जाएगा और ना ही प्रसादी में चरणामृत दिया जाएगा. इसके साथ ही मंदिर को लेकर कई सारे बदलाव किए गए है.
बदलाव को लेकर मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास ने बताया कि ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने उन्हें व अन्य पुजारियों को चंदन लगाने और दक्षिणा लेने से मन कर दिया है. साथ ही भक्तों के द्वारा दान की जाने वाली दक्षिणा भी दानपेटिका में ही डलवाने के लिए आदेश दिए गए है.
श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को लेकर हुआ बदलाव
गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोधय में हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से लगातार भक्तों की भीड़ अयोध्या पहुंच रही है, जिसे को नियंत्रित करने के लिए ट्रस्ट ने यह गाइडलाइन जारी की है.
बताया जा रहा है कि कई शृद्धालु रामलला के पास जाकर नजदीक से दर्शन करना चाहते हैं. तो वहीं कई वीआइपी दर्शन करने वाले शृद्धालु नजदीकी से दर्शन करते भी है. इसी को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया गया है, जिससे रामलला मंदिर में भक्तों की संख्या पर कंट्रोल भी किया जा सकेगा.