देश की भूमि ने हमको आज तक बहुत कुछ दिया है, हमारा भी कर्तव्य है की हम भी हमारी भूमि को इसके बदले कुछ दे इसके लिए हमें भूमि को सुपोषण प्रदान करने के निरंतर प्रयास करने होंगे जिससे हामारी भूमि का पोषण निरतर बना रहे और वो हमेशा उर्वरक बनी रहे
यह सुवाक्य मालवा प्रान्त के संघचालक माननीय प्रकाश शास्त्री ने दिए उन्होंने भारतीय कृषि चिंतन में भूमि को धरती माता संबोधित कर कहा की अथर्वेद के भूमि सूक्त में कहा गया है, ‘माता भूमिः पुत्रो अहं पृथिव्याः’, इस का भावार्थ है कि भूमि हमारी माता है एवं हम उसके पुत्र. तात्पर्य, भूमि को पोषण की व्यवस्था करना हमारा कर्तव्य है.
इसके तहत भूमि सुपोषण अभियान गत चार वर्षों से परामर्श के बाद चलाया जा रहा है , इन्दौर-उज्जैन संभाग में इस अभियान की शुरुआत सामाजिक व धार्मिक पंद्रह सदस्यीय समिति गठित हुई है जिसके दायित्व के लिए संयोजक दयारामजी धाकङ व सहसंयोजक महेंद्र जी पाटीदार नियुक्त किया गए है
इस अभियान को प्रमुख तौर पर भूमि के सुपोषण एवं संरक्षण के प्रति सभी भारतीयों को सामूहिक रूप से जागरूक करना है. जिस यह जन अभियान ग्रामों, और नगरों में भी कार्यान्वित होगा.
अभियान के पहले चरण में भूमि सुपोषण को साकार करने वाले कृषकों को सम्मानित किया जाएगा जिससे प्रत्येक व्यक्ति भी इस अभियान में अपना सहयोग विध हाउसिंग कॉलोनी में जैविक-अजैविक अपशिष्ट को अलग रखना एवं कॉलोनी के जैविक अपशिष्ट से कंपोस्ट बनाना आदि गतिविधियों से करेगा
धन्यवाद