IIM इंदौर के ग्रुप VIII प्रोजेक्ट ‘अभ्युदय’ का हुआ भूमि पूजन, 432 करोड़ रुपये से होगा तैयार

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अपने शैक्षिक बुनियादी ढांचे का विस्तार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, आईआईएम इंदौर अपने बहुप्रतीक्षित ग्रुप VIII प्रोजेक्ट – ‘अभ्युदय’ की घोषणा करते हुए प्रसन्नता का अनुभव कर रहा है। 432 करोड़ रुपये (+जीएसटी) की परियोजना का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय द्वारा 17 अप्रैल, 2024 को राम नवमी के शुभ अवसर पर किया गया। इस अवसर पर प्रो. राय ने स्वयं पुरोहिती कर्तव्यों का पालन करते हुए पारंपरिक वैदिक पद्धति के साथ भूमि पूजन किया।

यह शुभ शुरुआत अभ्युदय की सांस्कृतिक जड़ों और पारंपरिक प्रथाओं के प्रति संस्थान के आदर को दर्शाती है। प्रो. हिमांशु राय ने परियोजना के बारे में अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “अभ्युदय आईआईएम इंदौर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो हमारे बुनियादी ढांचे को हमारी शैक्षिक आकांक्षाओं के साथ संरेखित करता है। यह विस्तार न केवल हमारी शैक्षणिक सुविधाओं को बेहतर बनाएगा बल्कि हमारे विद्यार्थियों और फैकल्टी के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

यह परियोजना सतत विकास और नेट-जीरो कैंपस की ओर बढ़ने की प्रतिबद्धता दर्शाता है। सौर ऊर्जा प्रणालियों और सौर जल तापन जैसी उन्नत पर्यावरणीय प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करके, इस परियोजना का लक्ष्य गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करना है, जिससे परिसर के कार्बन फुटप्रिंट में काफी कमी आएगी। अत्याधुनिक सीवेज उपचार संयंत्र से अपशिष्ट जल के रीसाइक्लिंग, पानी की खपत को कम करने और पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, भूनिर्माण योजनाओं में देशी पौधों की प्रजातियों का उपयोग और हरित स्थानों का विकास शामिल है जो प्राकृतिक शीतलन और वायु शुद्धिकरण जैसे पारिस्थितिक लाभ प्रदान करते हुए जैव विविधता को बढ़ाएंगे। प्रो. राय ने कहा, “ये पहल एक पर्यावरण-अनुकूल शिक्षण वातावरण बनाने के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाती है जो वैश्विक स्थिरता मानकों के अनुरूप है और विद्यार्थियों को कर्तव्यनिष्ठ प्रबंधक बनने के लिए तैयार करने में मदद करता है।”

अभ्युदय में अत्याधुनिक शैक्षणिक सुविधाओं के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसमें बहुमंजिला छात्रावास ब्लॉकों में 870 छात्रों को समायोजित करने के लिए तैयार एक नया शैक्षणिक भवन भी शामिल है। इसमें 32 फैकल्टी सदस्यों के लिए रेसीडेंशियल क्वार्टरों के साथ-साथ 70 फैकल्टी और 70 कर्मचारियों के लिए कार्यालयों की स्थापना भी शामिल है। ये संवर्द्धन विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने और शैक्षणिक और व्यावसायिक उत्कृष्टता के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने में आईआईएम इंदौर की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तैयार किए गए हैं।

शैक्षणिक भवन में छह बड़ी कक्षाएँ (प्रत्येक की क्षमता 150), छह मध्यम आकार की कक्षाएं (75 व्यक्तियों की क्षमता), और 30 प्रतिभागियों की क्षमता के लिए तीन छोटी कक्षाएं होंगी। साथ ही फैकल्टी लाउंज और एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के लिए 70 नए कार्यालय होंगे। साथ ही एक आधुनिक कैफेटेरिया भी होगा।
इस परियोजना में एक एमडीसी अकादमिक ब्लॉक और इनक्यूबेशन सेंटर भी होगा। इसमें मैनेजमेंट डेवेलपमेंट प्रोग्राम्स होंगे और यह हमारे डीपीएम प्रतिभागियों और विभिन्न ऑनलाइन एजुकेशन प्रोग्राम्स के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान करेगा, जो ज्ञान निर्माण और उद्यमशीलता प्रयास के लिए सुविधा देगा।

रेसिडेंस एरिया अभ्युदय की आधारशिला है, जिसमें 870 सिंगल रूम वाले हॉस्टल का निर्माण होगा। हर कमरे में संलग्न बाथरूम होगा। इसके अतिरिक्त, एक एमडीसी रेसिडेंस ब्लॉक विजिटिंग फैकल्टी और मेहमानों के लिए आधुनिक आवास समाधान प्रदान करेगा। बुनियादी ढांचे में एक नया डाइनिंग हॉल भी शामिल है जो एक साथ 300 छात्रों को सेवा प्रदान करने में सक्षम होगा और एक टैरेस फूड कोर्ट भी शामिल है।

GRIHA 5-स्टार रेटिंग (Green Rating for Integrated Habitat Assessment)वाली इस इस परियोजना में पर्यावरणीय दक्षता और आराम के लिए अनुकूली अत्याधुनिक तकनीक और अनुकूल डिजाईन शामिल हैं। इमारतें धूप और वेंटिलेशन को अधिकतम करने के लिए तैयार की गयी हैं, जिससे आर्टिफिशियल कूलिंग और हीटिंग पर निर्भरता को कम होगी। “ब्राइस-सोलेल” (किसी इमारत की एक वास्तुशिल्प विशेषता जो सूर्य के प्रकाश को विक्षेपित करके उस इमारत के भीतर गर्मी को कम करती है) जैसी सुविधाएं ऊर्जा की खपत को कम करेंगी। इसके अतिरिक्त, ग्रीन ट्रांसपोर्ट के दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ, परिसर अपने 30% पार्किंग क्षेत्रों में ई-चार्जिंग कियोस्क लगाकर करके इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने की तैयारी की है।

नए बुनियादी ढांचे को वॉक-वे के साथ मौजूदा परिसर संरचनाओं के साथ एकीकृत किया गया है, जिससे कनेक्टिविटी और पहुंच आसान होगी। यह एकीकरण इसकी परिष्कृत जल और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों तक फैला हुआ है। इसमें ब्राउन और ग्रे पानी के लिए अलग-अलग उपचार और सूखे और गीले कचरे को अलग करना शामिल है, जिससे स्थिरता पर जोर दिया गया है। रीसाइकल्ड मटेरियल का उपयोग और 1800 किलोवाट सौर ऊर्जा का उत्पादन पर्यावरणीय प्रभाव को और कम करता है। एयर हैंडलिंग इकाइयों में MERV-8 फिल्टर और UVGI सिस्टम की स्थापना से हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा।

सभी कक्षाओं को ऑनलाइन, ऑफलाइन और हाइब्रिड सेशन के लिए डिज़ाइन किया जाएगा, जो एक गतिशील शिक्षण वातावरण की सुविधा के लिए अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित होंगे। इसके अलावा, लाइट और एयर कंडीशनिंग के लिए ऑक्यूपेंसी सेंसर के उपयोग के साथ पूरे परिसर में ऊर्जा दक्षता को अनुकूलित किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग हो। ये उन्नत सुविधाएँ एक स्वस्थ, अधिक टिकाऊ परिसर को बढ़ावा देती हैं।

पूरा होने पर, अभ्युदय आईआईएम इंदौर में शैक्षिक बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक होगा, जिसमें स्थिरता के लिए डिज़ाइन की गई अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। यह परियोजना न केवल पर्यावरण-अनुकूल परिसर विकास में एक नया मानक स्थापित करती है, बल्कि जिम्मेदार और नवीन शैक्षिक वातावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए, हमें नेट-जीरो इफ़ेक्ट प्राप्त करने के करीब भी ले जाती है