इंदौर : राजपाल आटोलिंक प्रा०लि0 इन्दौर द्वारा एस.बी.आई. की करोड़ो रूपये की ऋण राशि गबन के मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई के पुलिस अधीक्षक धनंजय शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि, मेसर्स राजपाल आटोलिंक प्रायवेट लिमिटेड 03 पिपल्याराव राजीवगांधी चौराहा इन्दौर के डायरेक्टर महेन्द्र राजपाल, नीता राजपाल, सुमित राजपाल के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक इन्दौर से ई.डी.एफ.एस. योजना के तहत 12 करोड़ रूपये की ऋण लिमिट प्राप्त की गई थी. ऋणी कम्पनी द्वारा ऋण राशि को गबन करने के मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इन्दौर व्दारा जांच में पाया गया कि ऋणी कम्पनी मेसर्स राजपाल आटोलिंक ने गैलेक्सी व्हीकल्स रतलाम प्रा०लि0 के डायरेक्टर 1. श्री अब्बास मोईजअली घासवाला 2. श्रीमती आरेफा पति श्री अब्बास मोईजअली घासवाला तथा अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर षड़यंत्र पूर्वक भारतीय स्टेट बैंक इन्दौर से प्राप्त ऋण की राशि का गबन कर दुर्विनियोग कर दिया है.
बताया जा रहा है कि आरोपियों द्वारा मिथ्या दस्तावेजों के आधार पर स्वयं को दिवालिया घोषित करने के लिए भी कदम उठाए गए थे. इस मामले में राशि के गबन एवं दुर्विनियोग के चलते कंपनी और राजपाल परिवार के साथ ही जितेन्द्र भावसार, गैलेक्सी व्हीकल्स रतलाम, अब्बास मोईजअली घासवाला, आरेफा पति अब्बास मोईजअली घासवाला और अन्य के ख़िलाफ़ प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध पाया जाने पर अपराध क्रमांक 26/20 धारा 420, 409, 467, 468, 120बी भारतीय दण्डविधान के तहत दिनांक 07.11.2020 को पंजीकृत कर लिया गया है.