अर्जुन राठौर
जयप्रकाश चोकसे हमारे बीच नहीं रहे वास्तव में बेहद दुखद खबर है और कुछ दिनों पहले ही दैनिक भास्कर में उनका स्तंभ पर्दे के पीछे इस असमर्थता के साथ बंद हुआ था कि वे गंभीर रूप से अस्वस्थ चल रहे हैं मैनेजमेंट ने अखबार के माध्यम से इसकी सूचना भी दी थी ज्यादा समय भी नहीं बीता और चोकसे जी दुनिया को छोड़ कर चले गए।
इसमें कोई दो मत नहीं है कि जयप्रकाश चोकसे एक अनूठी शख्सियत थे फिल्म निर्माण से लेकर फिल्मों के लिए उन्होंने खूब लेखन किया एक तरह से उनका जीवन फिल्मों को ही समर्पित हो गया था 70 के दशक में उन्होंने फिल्म बनाई थी जिसका नाम था शायद इंदौर के शराब कांड पर यह सबसे प्रामाणिक फिल्म थी जो बहुत चर्चा का विषय भी रही ।
जयप्रकाश चोकसे जब दैनिक भास्कर से जुड़े तो उन्होंने अपना कालम पर्दे के पीछे शुरू किया और उस
कालम की वजह से ही सिटी भास्कर की लोकप्रियता बढ़ती चली गई ।
जिन दिनों में दैनिक भास्कर में मैं विशेष प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत था तब चोकसे जी वहां आते थे एक बार उन्होंने मुझसे कहा कि डकैत फिल्म की शूटिंग भिंड में चल रही है और तुम वहां पर जाओ और शूटिंग का कवरेज करो मैं भिंड चला गया वहां पर मैंने चोकसे जी का नाम लेकर फिल्म के लेखक जावेद अख्तर तथा अन्य सभी कलाकारों से मुलाकात की ।
सनी देओल और मीनाक्षी शेषाद्री उस फिल्म के प्रमुख स्टार थे जावेद अख्तर ने उस दौरान मुझे अपनी कुछ गजलें भी दी थी दैनिक भास्कर में प्रकाशित करने के लिए बाद में वह कवरेज दैनिक भास्कर द्वारा प्रथम पृष्ठ पर छापा गया था ।
जयप्रकाश चोकसे फिल्मों के लाइव कवरेज को बहुत महत्व देते थे वह कहते थे मध्यप्रदेश में अगर कहीं पर भी किसी फिल्म की शूटिंग होती है तो उसे कवर किया जाना चाहिए 2 वर्ष पहले वो इंदौर राइटर्स क्लब में भी आए थे और उन्होंने अपनी अस्वस्थता के बावजूद बहुत सारी बातें बताई थी कवि सरोज कुमार जी उनको लेकर आए थे इसके बाद मैंने घमासान डॉट कॉम के लिए उनका एक वीडियो इंटरव्यू लिया था जो लगभग डेढ़ घंटे का था तथा इसके प्रमुख अंश घमासान डॉट कॉम के यूट्यूब चैनल पर प्रसारित भी किए गए थे कुल मिलाकर हिंदी सिनेमा की धरोहर के रूप में जयप्रकाश चोकसे याद किए जाएंगे उन्हें श्रद्धांजलि।