नई दिल्ली: भारत में एपल का व्यापार काफी तेजी से बढ़ रहा है, जैसा कि कंपनी के फाइनेंशियल रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार दर्ज किया गया है। कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में कुल ₹49,321 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया है, जिसमें 48% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि नेट प्रॉफिट में 76% की वृद्धि हो गई है।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के डेटा से मिली जानकारी
इस खबर की पुष्टि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) की फाइलिंग से की गई है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कंपनी को उनके उत्पादों के बेहतर प्रॉफिट मार्जिन की स्वीकृति है और उन्हें लागत में कमी के चलते भी इसमें वृद्धि दिख रही है।
विदेशी आयात में वृद्धि
*एपल के उत्पादों के विदेशी आयत में भी वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में कंपनी का फॉरेन एक्सचेंज आउटफ्लो 2% बढ़कर ₹18,140 करोड़ रहा है। इसका मतलब है कि एपल भारत में अपने उत्पादों की स्थानीय असेंबलिंग को बढ़ा रहा है, लेकिन उनके उत्पादों के अधिकांश हालांकि भारत में निर्मित हो रहे हैं, वे बाहर से आयात किए जा रहे हैं। RoC के डेटा के मुताबिक, एपल इंडिया के रेवेन्यू का 94.6% हिस्सा प्रोडक्ट सेल से आया, जबकि मेंटेनेंस और सर्विसेज 5.4% का योगदान करते हैं।
भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग का आगाज
एपल की सप्लायर, विस्ट्रॉन कॉर्प की फैक्ट्री के अधिग्रहण की डील शुक्रवार को फाइनल हो गई है। इस मंजूरी के बाद सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि ढाई साल के अंदर भारत में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो जाएगी।