महाराष्ट्र (Maharashtra) में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए नया कदम उठाने जा रही है। रविवार को शिंदे फडणवीस सरकार की कैबिनेट ने लोकायुक्त कानून लाने के लिए अहम फैसला लिया। लोकपाल की तर्ज पर महाराष्ट्र में लोकायुक्त शुरू करने की अन्ना हजारे कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। अब सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसको लेकर बिल लेकर आएगी।
लोकायुक्त कानून आने के बाद मुख्यमंत्री समेत सभी बड़े पद के लोग इसके अंडर आएंगे। लोकायुक्त कानून को लेकर एक समिति का गठन किया जाएगा जिसमें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट लेवल के जज समेत पांच लोग शामिल रहेंगे।
डिप्टी सीएम ने कही ये बात
इस मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार इसी सत्र में इस बिल को लेकर आएगी। इसके तहत मुख्यमंत्री और कैबिनेट को लोकायुक्त के दायरे में लाया जाएगा। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम को इस कानून का हिस्सा बनाया जाएगा और लोकायुक्त में रिटायर जजों सहित पांच लोगों की एक टीम होगी।
इसके अलावा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हम पूरी पारदर्शिता के साथ सरकार चलाएंगे। हम महाराष्ट्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे, इसलिए हमने राज्य में लोकायुक्त कानून लाने का फैसला किया है।
भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में
समाजसेवी अन्ना हजारे ने उद्धव ठाकरे की सरकार से लोकायुक्त कानून लाने की मांग की थी। उन्होंने इसके खिलाफ आंदोलन शुरू करने की बात करते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं। सरकार नहीं चाहती कि महाराष्ट्र भ्रष्टाचार मुक्त हो, लेकिन जब तक महाराष्ट्र भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो जाता, ये लड़ाई जारी रहेगी।
इस कानून को लेकर साल 2016 में भी अन्ना हजारे ने रालेगण सिद्धि में अनशन किया था तब तत्काली मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अन्ना का अनशन तुड़वाने के लए अन्ना की सभी शर्तों को मानकर लोकायुक्त कानून बनाने के लिए कमेटी गठित की थी। सरकार के पांच और अन्ना हजारे के पांच सदस्यीय टीम ने मिलकर लोकायुक्त कानून का ड्राफ्ट तैयार किया था, उसके बाद उद्धव ठाकरे की सरकार सत्ता में आ गई।