आबिद कामदार
इंदौर : शहर के सुगम यातायात के लिए एआईसीटीएसएल अपनी बेहतर सेवाएं दे रहा है। शहर में एआईसीटीएसएल की 450 से ज्यादा बसें संचालित है। इसे बेहतर ढंग से मैनेज और शहर के अलग अलग स्थानों पर चलाने के मकसद से कई भागों में बांटा गया है। वहीं इसमें वायु प्रदूषण को ध्यान में इलेक्ट्रिक बस संचलित है वहीं शहर को और कई इलेक्ट्रिक बस मिलने की संभावना है।2011 से 2015 के बीच 110 बसे मिली,जिसमें 82 बसे इंटरसिटी और 28 बसे आईबस के रूप में चलीशहर के हर नागरिक को बेहतर यातायात मुहैया कराने के मकसद से 2011 से 2015 के बीच एआईसीटीएसएल को लगभग 110 बसे मिली। जिसमें 82 बसे नेटकॉस मॉडल पर चलाई गई,यह बसे इंटरसिटी है। वही 28 बसों को आईबस के रूप में एबी रोड पर चलाया गया। वर्तमान में नेटकोस मॉडल पर चली 82 बसों में से 9 बसे इंटरसिटी और 25 बसे आईबस के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है।
जीसीसी मॉडल पर लगभग 54 बसे है संचालित
जीसीसी मॉडल की ज्यादातर बसे आइबस के रूप में एबी रोड पर अपनी सेवाएं दे रही है। प्रथम चरण की 25 बसों और 2020 में आई 29 बसें मिलाकर लगभग 54 बसे एबी रोड पर आईबस के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है।
वीजीएफ मॉडल पर 209 बसे चल रही है शहर में
शासन ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और बेहतर बनाने के मकसद से 2016 में लगभग 65 बसे खरीदी। वहीं अमृत योजना प्रथम चरण में 150 बसों की स्वीकृति दी थी जिसमें से लगभग 144 बसे शहर में दौड़ रही है। बाकी 6 बसों की सौगात जल्द शहर को मिलेगी। वहीं अमृत योजना के द्वितीय चरण में लगभग 400 बसों का प्रस्ताव दिया गया था जिसमें से लगभग 140 बसे मिल चुकी है।
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए शहर को 80 इलेक्ट्रिक बस और मिलेगी।
ईंधन के अत्यधिक इस्तेमाल से शहर का वातावरण खराब न हो इसके लिए 2019 में 40 इलेक्ट्रिक बसे शहर को मिली थी। वहीं 80 बसे और प्रस्तावित है, जो की जल्द शहर की सड़को पर दौड़ेगी। जिसमें से लगभग 50 इंटरसिटी तो 30 आईबस के रूप में अपनी सेवाएं देंगी।