पिनल पाटीदार
इंदौर : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा के बाद अब आर एस एस के प्रमुख मोहन भागवत मंदिर मस्जिद मदरसे में जाने लग गए हैं। थोड़े समय बाद नरेंद्र मोदी भी ‘टोपी’ पहनने लग जाएंगे। अभी मुस्लिम कंट्री में जाकर तो पहन ही रहे हैं। दिग्विजय सिंह आज सुबह रेसीडेंसी कोठी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा को जो महत्व मिल रहा है उसके कारण आर एस एस और भाजपा में घबराहट है।
उम्मीद है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासियों की प्रताड़ना पर कुछ बोलेंगी
बिरसा मुंडा की जयंती मना रहे हैं लेकिन सिर्फ इवेंट कर रहे हैं। पैसा एक ईमानदारी से लागू क्यों नहीं करते, रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया था, उन्होंने दलितों के लिए कौन से काम किए है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से देवेश सिंह ने अपील की है कि वह आदिवासियों के लिए योजनाएं लागू करवाएं। दिग्विजय ने कहा, “हमें फख्र है कि द्रौपदी मुर्मू हमारे मुल्क की राष्ट्रपति हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वह मध्य प्रदेश में आदिवासियों को दी जाने वाली प्रताड़ना पर कुछ बोलेंगी। वहीं आर एस एस पर लगातार हमले करते हुए सिंह ने कहा कि जो संस्था कहीं रजिस्टर्ड नहीं है जिसका कोई नहीं है संस्था ने कोरोना काल के समय करोड़ों रुपए की सहायता पहुंचाने का दावा किया है जबकि वास्तव में ऐसा नहीं हो सकता।
Also Read – पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ हुए Corona Positive, तीसरी बार हुआ संक्रमण
पैसा जमा करने के लिए अकाउंट नहीं है, फिर कहां से आया करोड़ों रुपए नगद
क्योंकि जब पैसा जमा करने के लिए अकाउंट नहीं है तो फिर करोड़ों रुपए नगद कहां से आया और नगद कैसे खर्च कर दिया। दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री को इस मामले में पत्र भी लिखा है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी कहां रुकेंगे और कहां नहीं इसका फैसला मैं नहीं करता, उनकी स्वीकृति टीम करती है। इस यात्रा का प्लान बहुत पहले बन चुका था। राहुल गांधी काफी समय से इस तरह की यात्रा को लेकर प्लानिंग कर रहे थे।
कांग्रेस की रैली के असर से अपना सुर बदल रहे हैं संघ नेता
दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि सात सितंबर से कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा का दो महीने के अंदर ही इतना असर हो गया है कि संघ के एक बड़े नेता को कहना पड़ा है कि मुल्क के गरीब लोग और गरीब और अमीर लोग और अमीर होते जा रहे हैं। दिग्विजय ने कहा, “आप देखिएगा, जब यह यात्रा अपने आखिरी मुकाम श्रीनगर पहुंचेगी, तब क्या होता है?”