विवाद के बाद कैडबरी कंपनी ने बोर्नविटा में लगभग 15% कम की चीनी, एनसीपीसीआर ने दर्ज कराई थी आपत्ति

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बीतें कुछ महीनो से केडबरी कंपनी के बोर्नविटा प्रोडक्ट पर कई तरह के सवाल उठ रहे थे। जिसकी शुरुआत एक यूटूबेर या इन्फ्लुएंसर ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कैडबरी के बोर्नविटा के स्वास्थ्य लाभों के बारे में झूठे दावे करने का आरोप लगाया था। हिमतसिंगका ने आरोप लगाया था कि कैडबरी के अपने प्रोडक्ट बोर्नविटा में प्रति 100 ग्राम उत्पाद में 50 ग्राम चीनी होती है।

शुरूआती दौर में बॉर्नविटा के निर्माता कैडबरी इंडिया ने हिमतसिंगका की जानकारी को गलत बताकर उन्हें कानूनी नोटिस भेजकर जवाब दिया, उनके दावों को चुनौती दी और उनके वीडियो को पूरी तरह से गलत बताया। मगर भारतीय पोषण निकाय से मिले समर्थन में आठ डॉक्टर और पोषण एक्पर्ट्स शामिल थे। जिन्होंने हिमतसिंग्का के वीडियो को तथ्यात्मक रूप से सही बताया। उसके बाद से इस मामलें ने एक बार फिर गति पकड़ ली और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा।

आगे की जांच के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जून 2023 में कैडबरी इंडिया को एक कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें बॉर्नविटा से जुड़े सभी “भ्रामक” विज्ञापनों और पैकेजिंग को वापस लेने और पेय की उच्च चीनी सामग्री के लिए संपूर्ण व विस्तृत स्पष्टीकरण का अनुरोध किया गया।

एनसीपीसीआर यानी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को एक शिकायत मिली जिसमें कहा गया कि स्वास्थ्य पाउडर या पेय के रूप में प्रचारित बोर्नविटा में पर्याप्त मात्रा में चीनी और ऐसे पदार्थ का इस्तेमाल हो रहा है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। यह अनुरोध मोंडेलेज़ इंटरनेशनल इंडिया के अध्यक्ष को संबोधित एक पत्र के रूप में आया था।

इन सब ख़बरों और सोशल मीडिया पर तमाम आलोचनाओं के बाद अंत में बोर्नविटा ने अपने प्रोडक्ट बॉर्नविटा में चीनी कम कर दी है। पहले बोर्नविटा में प्रति 100 ग्राम पाउडर में 37.4 ग्राम एडेड शुगर होती थी। हालांकि नई पैकेजिंग से पता चला है कि कमी के बाद प्रति 100 ग्राम में 32.2 ग्राम एडेड शुगर है। इसे इतिहास की पहली खबर बताया जा रहा है, जिसमे एक सोशल मीडिया वीडियो के कारण किसी खाद्य कंपनी ने अपनी चीनी सामग्री को कम कर दिया है।