आज महिलाओं व बच्चों के विरूद्ध लैंगिक अपराध में फोरेंसिक साक्ष्यों के महत्व को दर्शाती इस पुस्तक का पुलिस आयुक्त इंदौर (पुलिस कमिश्नर) हरिनारायणचारी मिश्र सर ने पुलिस कंट्रोल रूम में सभी वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विमोचन किया, इस अवसर पर वहाँ उपस्तिथ रहकर इस विषय में अधिक जानकारी पाने का मुझे भी अवसर प्राप्त हुआ।
उक्त पुस्तक को इन्दौर पुलिस परिवार की सदस्य और सेवा कार्यों में हमारी मार्गदर्शक मती मनीषा पाठक सोनी मैडम (अति. पुलिस उपायुक्त मुख्यालय इंदौर), मेरे बड़े भाई समान मित्र और मार्गदर्शक अविनाश पुरी जी (वैज्ञानिक अधिकारी आर.एफ.एस.एल. राऊ, इंदौर) एंव वरिष्ठ अधिवक्ता/लेखिका डॉ. पूजा खेत्रपालद्वारा लेखबद्ध किया गया है।
इस पुस्तक की विशेषता है कि यह हमारी मातृभाषा हिंदी में है, इस कारण यह पुलिस विवेचना में बहुत ही महत्वपूर्ण व उपयोगी सिद्ध होगी।
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उक्त पुस्तक के विमोचन के अवसर पर अति. पुलिस आयुक्त इंदौर मनीष कपूरिया सर, पुलिस उपायुक्त इंदौर (झोन-1) अमित तोलानी सर, पुलिस उपायुक्त इंदौर (झोन-2) संपत उपाध्याय सर, पुलिस उपायुक्त इंदौर (झोन-3) धर्मेंद्र सिंह भदोरिया सर, पुलिस उपायुक्त इंदौर (झोन-4) राजेश सिंह सर, पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) इंदौर निमिष अग्रवाल सर, पुलिस उपायुक्त (यातायात प्रबंधन) इंदौर महेशचंद जैन सर सहित उपस्थित सभी अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त व अन्य पुलिस अधिकारियों ने उक्त पुस्तक की तहेदिल से प्रशंसा की।
पुलिस विभाग या न्यायप्रणाली से जुड़े या अन्य किसी व्यक्ति को भी इसकी कॉपी चाहिए तो आप मुझे भी सूचित कर सकते हैं।