भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि दुनिया की अनेक समस्याओं का समाधान ज्ञान में समाहित है। स्वामी विवेकानंद जी ने जिस तरह की शिक्षा की बात की थी, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से लागू करने का संकल्प लिया है।
नई शिक्षा नीति से एक देशभक्त, कर्मठ, ईमानदार और आदर्श मनुष्य के निर्माण का कार्य होगा। जब दुनिया में सभ्यता का सूर्य नहीं निकला था, तब भारत में तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय के माध्यम से शिक्षा की नींव रखी गई थी। उस प्राचीन नींव पर हमारे प्रधानमंत्री ने नव-निर्माण का कार्य प्रारंभ किया है।
मुख्यमंत्री सीबीएसई एवं शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित 27वें वार्षिक सहोदय कॉन्फ्रेंस को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कॉन्फ्रेंस में सहोदय परिवार के विद्यालय, अधिकारी और जन-प्रतिनिधियों ने एक्चुअल और वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया। करीब 7 हजार विद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक, पालक और विद्यार्थी इससे जुड़े। चौहान ने कहा प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली आधुनिक शिक्षा प्रणाली में विकसित हो रही है। डिजिटल इंफ्रा-स्ट्रक्चर का शिक्षा के लगभग सभी क्षेत्रों में उपयोग किया जा रहा है। स्कूल परिसरों की अवधारणा पिछले एक दशक में मजबूत हुई है। सीबीएसई बोर्ड के साथ पंजीकृत स्कूलों के परिसरों की संख्या कई गुना बढ़ी है। सीबीएसई शिक्षा के लिए नेतृत्व की भूमिका निभा रहा है।