इंदौर 17 नवम्बर, 2021
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने आज भोपाल में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट की। उन्होंने इंदौर में महाराजा यशवंतराव होलकर चिकित्सा महाविद्यालय के अंतर्गत विभिन्न प्रस्तावित कार्यों की जानकारी दी और आग्रह किया कि मुख्यमंत्री श्री चौहान इन कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करें। उन्होंने कहा कि मालवा-अंचल का यह अस्पताल आम आदमी की चिकित्सा के लिए एक लोकप्रिय एवं उपयोगी अस्पताल है। यहाँ विभिन्न तरह के उन्नयन संबंधी कार्य प्रस्तावित है।
लोकार्पण हेतु प्रस्तावित कार्यक्रम
जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि इंदौर के महाराजा तुकोजीराव होलकर हॉस्पिटल पूर्व में 120 बेड का हॉस्पिटल था, जिसमें नवीन हॉस्पिटल का निर्माण किया गया हैं। जिसकी कुल बेड क्षमता 450 है। इसमें से 16 बेड का आई.सी.यू., 60 बेड का बच्चो के लिये एस.एन.सी.यू., 350 बेड का जनरल वॉर्ड एवं 24 बिस्तर प्राइवेट रूम के रहेंगे। इस हॉस्पिटल में ओबएसटी एंड गाइनेकोलॉजिस्ट, न्यू बोर्न, (महिला, जच्चा एवं बच्चों) के उपचार हेतु 450 बेड व्यवस्था रहेगी साथ ही यहाँ पर नवजात शिशुओं के लिए मदर मिल्क बैंक भी बनाया गया हैं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा महाराजा तुकोजीराव होलकर हॉस्पिटल इन्दौर के उन्नयन के ऊपर 50 करोड़ रुपये का व्यय किया गया हैं। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल इन्दौर में स्थापित नवीन कार्डियक कैथ लैब का लोकार्पण किया जाना है, जिसकी लागत 6 करोड़ 42 लाख रुपये हैं।
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कैथ लैब की आधुनिक मशीन सीमेन्स कम्पनी की है, यह एक बाईप्लेन मशीन है जिसमें कार्डियक एन्जियोग्राफी, एन्जियोप्लास्टी, हृदय विकार, पेस मैकर के साथ-साथ न्यूरोलॉजी से सम्बंधित उपचार भी किये जा सकते हैं। स्पेशिलिटी हॉस्पिटल इन्दौर में स्थापित नेफ्रोलॉजी विभाग के साथ नवीन डायलिसिस यूनिट का लोकार्पण किया जाना है जिसकी अनुमानित लागत 61 लाख रुपये हैं। सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग में डायलिसिस की सुविधा का आरंभ प्रारंभिक तौर पर छ: अत्याधुनिक मशीनों के प्रयोग से किडनी रोगों के मरीजों का उपचार किया जाएगा। तत्पश्चात, रिवर्स ओसमोसिस टैंक की भंडारण क्षमता को बढ़ा कर अधिकाधिक रोगियों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जाएगा। हीमोडियालीसिस से इतर पेरिटोनियल डायलिसिस हेतु एक कक्ष आरक्षित किया गया है एवं किडनी बाओप्सी जैसी अन्य नेफ्रोलॉजी संबंधित सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं।
सी.एस.आर. मद से भी मिला दान
सेम्संग कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी के माध्यम से एक अत्याधुनिक सोनोग्राफी/कलर डॉपलर मशीन एमवाय हॉस्पिटल को दान की गई है। इस मशीन से गंभीर रोगो का अत्याधुनिक तरीके से परीक्षण किया जा सकेगा एवं मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस मशीन की लागत 1.5 करोड है यह एक अत्याधुनिक सोनोग्राफी/कलर डॉपलर मशीन हैं।
महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध एमवाय हॉस्पिटल इन्दौर में स्थापित नवीन अत्याधुनिक वातानुकूलित मुर्दाघर (मोर्चरी) का लोकार्पण जाना है। वातानुकूलित मुर्दाघर निर्माण होने से दुर्गन्ध में कमी आयेगी एवं प्रकाश की उचित व्यवस्था रहेगी। पूर्व में केवल 16 शव रखने की व्ययवस्था थी जिसे बढ़ाकर 48 शव रखने की व्यवस्था की गई है। 32 शव रखने का कोल्ड चैम्बर कक्ष बनाया गया है जो की हाईड्रोलिक मौर्चरी डेड बॉडी लिफ्टर ट्राली के साथ है। इसमें हर रैक में 4 शव रखे जा सकते हैं। ऐसे 8 रैक्स स्टेनलैस स्टील की स्लाईडीगं ट्राली के साथ बनाए गए हैं। लिफ्टर ट्राली हाईड्रोलिक सिस्टम से काम करती हैं, जिससे शव को आसानी से ऊपर तक की रैंक में रखा एवं उतारा जा सकता हैं। 16 शव रखने के लिए 4 कोल्ड चैम्बर क्रय किये गये है जिसमें 0 से 4 डिग्री सेल्सीयस तापमान तक शव रखे जा सकते हैं। (मोर्चरी) परिसर में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये गये हैं साथ ही इसका सोन्दर्यीकरण, रंगाई पुताई एवं पेवमेन्ट ब्लॉक के साथ ड्रैनेज लाईन का भी कार्य हो गया हैं। एयर प्युरीफिकेशन, शव परीक्षण कक्ष में इंस्टॉल किया गया है तथा शव रखने की व्ययवस्था चुस्त दुरुस्त की गई हैं।
केमिलुमिनेसेंस इम्यूनोएसे (सीएलआईए)
उत्पादक – अब्बोट (एबीओटीटी) कम्पनी, तकनीक – रासयनिक संदीप्ति माक्रोपार्टिकल प्रतिरक्षा परख, उपयोग – सीरोसर्वीलेंस के लिए एंटीबॉडी पता करने के लिये (कोविड-19 जी), यह मशीन अगस्त में आई थी जिसके द्वारा अभी तक 2054 सेम्पलस की जाँच हो चुकी हैं। (सीरोसर्वीलेंस फेस-1 में), यह मशीन का प्रयोग फेस-2 में किया जा रहा हैं। यह मशीन एक बार में 65 सेम्पल की जाँच करती है जिसकी रिर्पोट 3 घण्टे में आती हैं। इसी तरह यह मशीन दिनभर में 520 मरीजों की जाँच कर सकती है, इस मशीन से एण्टीबॉडी के अलावा सभी इनफेकशियस बीमारीयों की भी जाँच की जा सकती हैं जैसे हिपेटाईटस बी रिट्रोवाईरस आदि। महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध चाचा नेहरू बाल हॉस्पिटल इन्दौर में मरीजो को सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक नए जीवन रक्षक सर्व सुविधा युक्त रोगी वाहन (एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस) का लोकार्पण किया जाना हैं।
भूमिपूजन हेतु प्रस्तावित कार्यक्रम
महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल इन्दौर में स्थापित पुराने इमरजेन्सी एवं ट्रॉमा सेंटर को तोडकर, पीजी अपग्रेडेशन प्रोग्राम हेतु प्राप्त बजट में से नये नवीन ट्रॉमा सेंटर एवं इमरजेन्सी विभाग की स्थापना किये जाने हेतु शिलान्यास किया जाना प्रस्तावित हैं। इस नवीन ट्रॉमा सेंटर में जी+4 मिलाकर 5 मंजिल भवन का निर्माण किया जायेगा जिसके अन्दर 6 मॉड्यूलर ओटी के साथ 250 बेड की क्षमता के साथ अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर के रूप में रहेगी एवं 80 बेड का एक डे-केअर यूनिट है व इम्यूनाइजेशन क्लीनिक भी बनाया जायेगा। इसकी लागत लगभग 42 करोड़ रुपये हैं।
महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध हॉस्पिटलों में स्थापित फिजियोलॉजी विभाग, पैथोलॉजी विभाग, बॉयोकेमेस्ट्री विभाग, फॉर्माकोलॉजी विभाग, माईक्रोबॉयोलॉजी विभाग, वाइरोलॉजी लैब, डाइग्नोस्टिक लैब के लिये प्रस्तावित नवीन अकादमिक भवन की चतुर्थ एवं पंचम तल पर नवीन निर्माण किया जाना स्वीकृत किय गया है जिसके भवन का पूजन प्रस्तावित है। जिसकी कुल अनुमानित लागत 17.6 करोड रुपये हैं।
महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध एमवाय हॉस्पिटल इन्दौर में प्रथम चरण में 10 ऑपरेशन थिएटर को मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर में बदला जाना प्रस्तावित हैं जिसकी अनुमानित लागत 7 करोड़ रुपये हैं। महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध चाचा नेहरू हॉस्पिटल में 5 करोड़ रुपये की लागत से बच्चो के लिये पिडियाट्रिक आई.सी.यू. एवं आधुनिक वॉर्ड निर्माण हेतु पूजन किया जाना प्रस्तावित है। महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध म०य० हॉस्पिटल इन्दौर में प्रस्तावित नवीन फोरेन्सिक भवन का भूमि पूजन प्रस्तावित हैं। जिसकी अनुमानित लागत 2.3 करोड़ रुपये हैं।
पीजी अपग्रेडेशन प्रोग्राम के तहत 24 करोड़ रुपये से नवनिर्मित ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट में 2000 स्क्वायर फीट मैं रिसर्च एवं उपचार हेतु सेल थेरेपी, क्रायोप्रिजर्वेशन, कंपोनेंट्स सिपरेशन, स्टेम सेल कलेक्शन एवं एफरेसिस जैसे उच्च स्तरीय कक्षो का निर्माण किया जाएगा। ब्लड रेडिएशन करने हेतु एक उच्चस्तरीय मशीन स्थापित की जाएगी जिससे ऑर्गन ट्रांसप्लांट एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांट को अत्याधिक मदद मिलेगी। एक विश्व स्तरीय क्रायोप्रिजर्वेशन यूनिट की भी स्थापना की जाएगी जिसमें कई वर्षों तक स्टेम सेल, कॉर्ड ब्लड एवं कोशिकाओं को सुरक्षित रखा जा सकेगा।
मानसिक अस्पताल बनेगा सेंटर आफ एक्सीलेंस
महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध मानसिक हॉस्पिटल इन्दौर हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की परियोजना सर्वप्रथम 30 दिसंबर 2016 को भारत शासन स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वीकृत की गई जिसमें 60 प्रतिशत की राशि केन्द्रीय सहायता से व 40 प्रतिशत राज्य शासन से स्वीकृत की गई थी। उक्त योजना को म.प्र. शासन द्वारा 29 सितम्बर 2021 को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसकी निविदा संभागीय परियोजना यंत्री लो.नि.वि. द्वारा जारी की जा चुकी है जिसके तहत 33.14 करोड़ रुपये म.प्र. शासन द्वारा स्वीकृत किए गए है जिसमें भवन निर्माण के लिए 22.29 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए है योजना के तहत 25 नए पद सृजित किए गए है जिसमें 04 पी.जी. सीटे 18 एम.फिल. क्लिनिकल साय सीट 40 नर्सिंग छात्राओं को डिप्लोमा इन सायकेंट्री की सीट एवं 18 सीट स सोशल वर्कर की आरंभ की जायेगी।
महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर में अध्ययन करने वाले एम.बी.बी.एस. एवं पी.जी. छोत्रों के ठहरने हेतु 268 बेड की क्षमता के 2 नए हॉस्टल के निर्माण का भूमी पूजन प्रस्तावित हैं। इसमें 1 होस्टल छात्रों के लिये एवं 1 होस्टल छात्राओं के लिये प्रस्तावित हैं।
यह मांग भी रखी
मंत्री श्री सिलावट ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि एमवाय हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में अभी बड़ी संख्या में मरीज रोज आते हैं। यहाँ मालवा, निमाड़ के अलावा दूरस्थ क्षेत्रों से भी मरीज आते हैं। इतने मरीजों के इलाज के लिए करीब 400 बिस्तरों का ट्रॉमा यूनिट चाहिए | पी.जी. अपग्रेडेशन में करीब 250 बिस्तरों का ट्रॉमा यूनिट तैयार हो जाएगा परन्तु 150 बिस्तर और चाहिए जिससे अगले 20-30 वर्षो तक ट्रॉमा एवं एमरजेन्सी के मरीजों का अच्छी तरह से इलाज किया जा सकता है। इसकी अनुमानित लागत करीब 15 से 20 करोड़ के लगभग होगी।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं म.य. हॉस्पिटल में बायोकेमेस्ट्री, पैथोलॉजी एवं माईक्रोबायलॉजी की लैब संचालित होती है। पी.जी. अपग्रेडेशन से प्राप्त स्वीकृत बजट से सिविल कार्य किया जा रहा है परन्तु अन्य सिविल कार्य एवं नए उपकरण खरीदने हेतु मध्यप्रदेश शासन से 5 से 8 करोड़ रुपये की स्वीकृति की आवश्यकता है। एमवाय हॉस्पिटल में प्रथम चरण में 10 मॉड्यूलर ओटी बनाने का प्रस्ताव है लेकिन बचे हुए 10 ओटी को और मॉड्यूलर ओटी में बदलना अति आवश्यक है। अतः द्वितिय चरण में इन 10 ओटी को मॉड्यूलर ओटी में बदलने हेतु 5-6 करोड़ की आवश्यकता है।
धर्मशाला का निर्माण भी है जरूरी
एमवाय हॉस्पिटल में रोज करीब 1000 से 1200 मरीज भर्ती रहते हैं इनमें से काफी मरीज इन्दौर के बाहर के आते हैं जिन्हें महगी होटलों में रहना पड़ता है। अतः मरीजों के परिजनों को म.य.हॉस्पिटल में ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु एक 300 बिस्तरों की धर्मशाला के निर्माण की आवश्यकता है। एमवाय हॉस्पिटल में एयर कंडिशनिंग अभी विंडो एसी अथवा स्पिलिट एसी के माध्यम से की जाती है जिसका रखरखाव बहुत ही खर्चीला एवं कठिन है अतः म.य. हॉस्पिटल में एक अत्याधुनिक एयर कंडीशन की स्थापना अतिआवश्यक है। एम.जी.एम एवं एमवाय हॉस्पिटल से संबद्ध अस्पतालों के कैम्पस का सौंदर्यीकरण किया जाना प्रस्तावित हैं। जिनमें सड़कों का चौंडीकरण, मल्टीलेवल पार्किंग, यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाना, मेडिकल कॉलेज के क्रिकेट मैदानों एवं अन्य खेल-कूद के मैदानों का उत्थान एवं विकास तथा पुराने के.ई.एच मेडिकल स्कूल का उत्थान इन सभी कार्यों की प्रस्तावित लागत लगभग 10-15 करोड़ हो सकती है।
अभी एमवाय हॉस्पिटल में चिकित्सकों एवं अन्य स्टॉफ के लिए अत्यधिक पुराने 20-25 क्वाटर्स ही मौजूद हैं। इन सभी चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के लिए बहुमंजिला इमारत के रूप में नए क्वाटर्स विकसित किये जा सकते हैं। इससे वर्षों पुरानी क्वाटर्स की कमी पूरी हो जाएगी। करीब 150 से 200 फ्लैट का निर्माण प्रस्तावित है, इसकी निर्माण लागत राशि लगभग 35 करोड़ हो सकती है। एमवाय हॉस्पिटल में वर्तमान में प्रतिदिन 400 से 500 मरीज ट्रामा एवं इमरजेंसी में आते हैं। प्रतिदिन लगभग 200 से 225 एम.एल.सी बनती हैं एवं 15-20 पोस्टमार्टम किए जाते है। एमवाय हॉस्पिटल में किसी भी समय लगभग चार से पांच हजार लोग मौजूद रहते हैं एवं आए दिन कुछ न कुछ हादसे होते रहते हैं। वर्तमान में म.य. हॉस्पिटल में एक पुलिस चौकी मौजूद है जिसको एक मेडिकल थाने में परिवर्तित करने की अति आवश्यकता है।
वर्तमान में कैंसर अस्पताल का भवन जर्जर हो चुका है। अस्पताल में पुरानी कोबाल्ट पद्धती से ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वर्तमान परिस्थितियों में इन्दौर एवं इन्दौर के आस-पास के सैकड़ों कैंसर के मरीज इन्दौर आकर इलाज करवाते हैं। चूँकि वर्तमान शासकीय कैंसर अस्पताल में पुरानी पद्धति से इलाज होता है इसलिए इन मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में जाकर महँगा इलाज करवाना पड़ता हैं। अतः इन्दौर शहर एक 400 बिस्तरों का सर्वसुविधायुक्त नवीन कैंसर अस्पताल के निर्माण की अति आवश्यकता है। इस निर्माण हेतु अनुमानित लागत करीब 25-30 करोड़ आ सकती है एवं मशीनरी जैसे कि लीनियर एक्सीलेरेटर, एच.टी.आर ब्रेकीथेरेपी मशीन, रेडियोथेरेपी डेडिकेटेड सीटी मशीन, पैट-सीटी मशीन डोसीमेट्रिक सिस्टम मशीनों को हॉस्पिटल में स्थापित करने में लगभग 40-45 करोड़ रूपये की आवश्यकता है।
वर्तमान में 100 विस्तरों से चाचा नेहरू अस्पताल का संचालन किया जा रहा है, जिसके विस्तार की अत्यंत आवश्यकता है। इस हेतु चाचा नेहरू अस्पताल की क्षमता 400 बिस्तरों तक बढ़ाना है। साथ ही हॉस्पिटल में 04 नवीन ऑपेरशन थिएटर बनाना, पीडियाट्रिक मेडिसिन एवं पीडियाट्रिक सर्जरी के नए आईसीयू एवं वॉर्ड का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इस निर्माण एवं उपकरण की अनुमानित लागत 10 करोड़ होगी। एमआरटीबी अस्पताल को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का प्रस्ताव है जिसमें 150 बेड बढ़ाना 3 नए आधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बनाना एवं नए इक्विपमेंट लगाना जैसे ई-बस, क्रायो, नेवीगेशन, प्रणाली आदि लगाना प्रस्तावित हैं। जिसकी अनुमानित लागत 15-20 करोड़ रूपये होगी।
एम. जी. एम. मेडिकल कॉलेज एवं एम.वाय. अस्पताल के लिये नया ईटीपी/एसटीपी प्लांट लगाना जिससे वॉटर रीसाइक्लिंग प्लांट का सुदृढीकरण किया जा सके अभी वर्तमान में एमवाय हॉस्पिटल इन्दौर में एसटीपी प्लांट लगा हुआ है परंतु कैंसर अस्पताल, चाचा नेहरू अस्पताल, एम.टी.एच. अस्पताल, माईक्रोबॉयोलाजी विभाग आदि में ईटीपी/एसटीपी नहीं हैं। जिसके सुदृ ढ़ीकरण की लागत लगभग 5 करोड़ रूपये होगी। सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में रोबोटिक सर्जरी हेतु मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर का निर्माण किया जा चुका है। रोबोटिक सर्जरी हेतु रोबोटिक आर्म का कय किया जाना अति आवश्यक है जिसकी संभावित लागत 20-25 करोड़ है।