मुंबई, 4 अक्टूबर 2021: दुनिया की अग्रणी उपभोक्ता स्वास्थ्य और स्वच्छता कंपनी रेकिट और भारत का सबसे भरोसेमंद न्यूज नेटवर्क एनडीटीवी ने अपने प्रमुख कार्यक्रम एनडीटीवी डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया के साथ, मुंबई में आयोजित एक भव्य समारोह में अपनी यात्रा को स्वस्थ भारत से सम्पन्न भारत की ओर आगे बढ़ाने की घोषणा की। इस कार्यक्रम में रेकिट के ग्लोबल सीईओ लक्ष्मण नरसिम्हन, बीएसआई – कार्यक्रम अम्बेस्डर अमिताभ बच्चन और कई गणमान व्यक्तियों, मशहूर हस्तियों और मंत्रियों ने कार्यक्रम की थीम- ‘एक स्वास्थ्य, एक ग्रह, एक भविष्य’ के साथ भारतीयों से एक स्वस्थ ग्रह, एक स्वस्थ भविष्य का निर्माण करने के लिए आह्वान किया।
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बीएसआई ने 2026 तक लगभग 4.7 करोड़ लोगों तक सीधी पहुंच के माध्यम से अपने प्रभाव को तीन गुना करने की प्रतिबद्धता जताई है। इस अभियान का लक्ष्य अपने डेटॉल स्वच्छता पाठ्यक्रम कार्यक्रम के साथ भारत में 100 प्रतिशत प्राथमिक स्कूलों तक पहुंचना है।
इस पहल के बारे में बताते हुए, अभियान के अम्बेस्डर श्री अमिताभ बच्चन ने कहा, “एक समृद्ध भारत के निर्माण के लिए एक अच्छा स्वास्थ्य हमारे भविष्य की कुंजी है, केवल एक स्वस्थ भारत ही सम्पन्न भारत बन सकता है। हमें अच्छी स्वच्छता, अच्छा पोषण, अच्छे विज्ञान, साफ और हरित पर्यावरण तथा सभी के लिए किफायती स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच एवं सबसे खास बात, कैसे हम सब मिलकर एक-दूसरे की मदद करें-अपने सबसे कमजोर वर्ग के लोगों के लिए सामाजिक समानता और न्याय प्रदान करने के की दिशा में काम करने के लिए बनेगा स्वस्थ इंडिया जैसे कार्यक्रमों की जरूरत है। कोई भी पीछे न छूटा रह पाए।”
कार्यक्रम में लक्ष्मण नरसिम्हन, ग्लोबल सीईओ, रेकिट ने कहा, “हम पर्यावरण, स्वास्थ्य और सामाजिक चुनौतियों से बखूबी अवगत हैं, जिनका हम हर दिन सामना करते हैं। हमारा ध्यान नकारात्मक प्रभावों को कम करने और ऐसे तरीकों से सकारात्मक योगदान देने पर है जो हमें एक स्वस्थ ग्रह का निर्माण करने में मदद करेगा। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बनेगा स्वस्थ इंडिया के साथ हम 2026 तक 4.7 करोड़ लोगों तक पहुंचकर अपने सामाजिक प्रभाव को तीन गुना करना चाहते हैं। एक ‘सम्पन्न भारत’ बनाने की हमारी प्रतिबद्धता संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य – 2030 – कोई भी पीछे न छूटे के अनुरूप है। रेकिट में हम भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में अपना योगदान देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ”
डा. प्रणय रॉय, कार्यकारी सह-अध्यक्ष, एनडीटीवी ने कहा, “मैं दिल से यह बात कह रहा हूं कि रेकिट और एनडीटीवी एकसमान तरीके से उन कहानियों को साझा करते हैं, जिनका एक निश्चित सामाजिक प्रभाव होता है। पिछले 8 सालों से बनेगा स्वस्थ इंडिया के साथ मिलकर हम साफ-सफाई, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के महत्व पर जागरूकता फैला रहे हैं।
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हम हर दिन चुनौतियों का सामना करते हैं, लेकिन हमें एक अधिक टिकाऊ और स्वस्थ भविष्य का निर्माण करने के लिए एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। एक सम्पन्न भारत का निर्माण करने का एक मात्र तरीका एक स्वस्थ भारत है।”
इस साल डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया ने स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण की दिशा में पिछले 75 वर्षों में भारत की प्रगति का प्रदर्शन किया। यूएन विजन 2030 के एक प्रमुख एजेंडा था – कोई भी पीछे न छूटे, प्रदर्शित करता है कि कार्यक्रम का ध्यान असमानताओं की पहचान करने और किसी भी तरह के भेदभाव एवं बहिष्कार को समाप्त करने में मदद करने वाले उपकरणों का उपयोग करने की दिशा में केंद्रित करना है। इस कार्यक्रम में एक स्वस्थ राष्ट्र निर्माण के लिए मानसिक स्वास्थ्य, यौन स्वास्थ्य और कल्याण एवं स्वयं की देखभाल जैसे प्रासंगिक मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक घटना है, जिसे रेकिट ने एक स्वस्थ ग्रह के निर्माण के अपने दृष्टिकोण में प्रमुखता से शामिल किया है।
डेटॉल बीएसई प्रतिबद्ध है:
- भारत में 100 प्रतिशत प्राथमिक स्कूलों तक डेटॉल स्वच्छता स्कूल पाठ्यक्रम को पहुंचाना
- डेटॉल हाईजीन इम्पैक्ट बॉन्ड उत्तर प्रदेश के सभी आकांक्षी जिलों को कवर करेगा
- 60 लाख अतिरिक्त नई माताओं को डिजिटल, मिश्रित और समुदाय-आधारित हस्तक्षेप मॉडल के माध्यम से स्वस्थ स्वयं-देखभाल आदतों को सिखाया जाएगा।
- यौन स्वास्थ्य और कल्याण पर शिक्षित कर 1 करोड़ युवाओं तक पहुंचना
- पूर्वी हिमालयन क्षेत्र और गंगा नदी बेसिन में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन परियोजनाएं
- भारत के पहले जलवायु इंडेक्स को विकसित करना
12 घंटे तक चले इस टेलीथॉन में भारत और दुनियाभर की प्रमुख सार्वजनिक हस्तियों ने भाग लिया। बातचीत स्वास्थ्य और इसका आर्थिक वृद्धि और उत्पादकता के साथ संबंध, अधिक सूचित नीतियां बनाने और स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए आर्थिक इनपुट्स का उपयोग करने एवं ‘कोई भी पीछे न छूटे’ पर केंद्रित थी।
पिछले साल से चल रहे कार्यक्रम की कुछ खास बातें-
- बीएसआई के यौन कल्याण कार्यक्रम से 40 लाख व्यस्कों को लाभ पहुंचा है, इस साल 1 करोड़ व्यस्कों तक पहुंचने का लक्ष्य
- ट्रांसजेंडर के यौन कल्याण के लिए पहले सेंटर की स्थापना वृंदावन, उत्तर में की गई
- भारत के पहले जलवायु इंडेक्स का विकास
- डेटॉल हाईजीन इम्पैक्ट बॉन्ड के तहत डायरिया की रोकथाम के लक्षित उपायों से 5 वर्ष से छोटे बच्चों में 100,000 मृत्यु को रोका गया
- 20 लाख नई माताओं के लिए डिजिटल, मिश्रित और समुदाय-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्वयं-देखभाल तरीकों को सफलतापूर्वक बताया गया।
- रीच ईच चाइल्ड (पूर्व में पोषण भारत कार्यक्रम) ने महाराष्ट्र के अमरावती और नंदुरबार जिलों में 0-5 साल के बीच के 39,500 बच्चों के जीवन में सुधार किया।