मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देवास जिले की प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित को निलंबित कर दिया है। मंदाकिनी दीक्षित पर आरोप है कि उन्होंने एक शराब ठेकेदार से हर महीने 7.50 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। शराब ठेकेदार ने अपनी आत्महत्या से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें सहायक आबकारी आयुक्त पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए थे। यह वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
सोशल मीडिया पोस्ट में सीएम ने जताई गंभीरता
वीडियो के वायरल होने के बाद मामला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुँचा, जिन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए देवास की प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित को निलंबित करने के निर्देश दिए। सीएम ने इस संबंध में अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि, “देवास जिले में एक मदिरा ठेकेदार द्वारा आत्महत्या से पहले बनाए गए वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए, प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उनके खिलाफ जांच भी जारी है। यह मामला प्रथम दृष्ट्या अत्यंत गंभीर श्रेणी का है।”
मंदाकिनी दीक्षित पर लगाए गए गंभीर आरोप
देवास जिले में एक मदिरा ठेकेदार द्वारा आत्महत्या के पूर्व बनाए गए वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए देवास की प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। उनके विरुद्ध जांच भी की जा रही है। यह प्रकरण प्रथम दृष्ट्या अत्यंत गंभीर श्रेणी का है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 6, 2025
मध्यप्रदेश में 8 नवंबर को देवास जिले के शराब ठेकेदार दिनेश मकवाना ने जहर सेवन कर आत्महत्या कर ली थी। इससे एक दिन पहले उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया था। वीडियो में दिनेश मकवाना कहते दिखाई देते हैं—
“मैं दिनेश मकवाना, देवास जिले में शराब के ठेके संचालित करता हूँ। चापड़ा, करनावद और डबलचौकी मिलाकर करीब 14 करोड़ का काम है। यहाँ पदस्थ अधिकारी मंदाकिनी दीक्षित मुझसे हर महीने पैसे की मांग करती हैं। मेरी पाँच दुकानों में से प्रति दुकान 1.50 लाख रुपये, यानी कुल 7.50 लाख रुपये की मासिक मांग की जा रही है। अब तक मैं लगभग 20–22 लाख रुपये दे भी चुका हूँ।
जब मैंने बताया कि इस समय नुकसान चल रहा है और दशहरे के बाद बिक्री बढ़ने पर भुगतान कर दूँगा, तो उन्होंने माल की सप्लाई रुकवा दी। आज भी जब मैंने माल लेने की कोशिश की तो साफ मना कर दिया गया कि भुगतान के बिना स्टॉक नहीं मिलेगा। रोजाना इसी तरह की परेशानियों से तंग आकर मैं यह कदम उठाने को मजबूर हुआ हूँ।”








