इंदौर की दुल्हन बनी थाईलैंड की नैन, जयंत से हिंदू रीति रिवाज से की शादी

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By Raj RathorePublished On: December 6, 2025
Jayant Soni Marriage

Indore News : प्यार किसी सीमा या सरहद का मोहताज नहीं होता, यह बात एक बार फिर इंदौर के महू में साबित हुई। यहां शुक्रवार को थाईलैंड की युवती ने भारतीय युवक के साथ हिंदू रीति-रिवाजों से सात फेरे लेकर अपने एक दशक पुराने रिश्ते को शादी का नाम दिया। इस अनोखी शादी में शामिल होने के लिए दुल्हन का परिवार भी थाईलैंड से भारत पहुंचा।

मामला महू के रहने वाले कारोबारी जयंत सोनी और थाईलैंड की नारूएपक (नैन) का है। शुक्रवार को दोनों का विवाह संपन्न हुआ। बारात में बैंड-बाजे की धुन पर जहां भारतीय बाराती नाच रहे थे, वहीं खूबसूरत थाई दुल्हन नैन भी भारतीय संगीत पर खुद को झूमने से नहीं रोक सकीं। यह शादी पूरे इलाके में आकर्षण का केंद्र बनी रही।

थाईलैंड में शुरू हुई प्रेम कहानी

जयंत सोनी कई वर्षों से थाईलैंड में कारोबार करते हैं। वहीं एक कंपनी में काम के दौरान उनकी मुलाकात नैन से हुई। दोनों के बीच दोस्ती हुई और यह रिश्ता जल्द ही प्यार में बदल गया। बाद में जब जयंत ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया, तो नैन भी उनकी कंपनी से जुड़ गईं, जिससे दोनों का साथ और मजबूत हो गया।

एक दशक बाद शादी का फैसला

करीब 10 साल तक एक-दूसरे को जानने और समझने के बाद दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया। कुछ समय पहले जयंत, नैन को भारत में अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए लेकर आए थे। यहां जयंत के परिवार ने नैन को खुले दिल से अपनाया और उनकी सादगी सभी को भा गई, जिसके बाद रिश्ते को मंजूरी मिल गई।

दोनों परिवारों की सहमति से कुंडली मिलवाई गई और पारंपरिक भारतीय तरीके से विवाह संपन्न हुआ। इस खुशी में शामिल होने के लिए नैन का परिवार विशेष रूप से थाईलैंड से भारत आया और भारतीय संस्कृति का अनुभव किया।

सनातन संस्कृति से हुई शादी

नैन भारतीय दुल्हन के लिबास में बेहद सुंदर लग रही थीं। उन्होंने हाथों में मेहंदी, मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र धारण किया था। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति उन्हें बेहद आकर्षक लगती है और यह विवाह उनके लिए जीवनभर याद रहने वाला अनुभव है।

“यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है कि मेरी बेटी भारतीय रीति-रिवाजों के अनुसार विदा हो रही है।” — चुटिमा, दुल्हन की मां

नैन की मां चुटिमा ने भी बेटी के भारतीय परंपरा के अनुसार विवाह होने पर खुशी जताई। यह शादी दो लोगों के साथ-साथ दो संस्कृतियों का भी खूबसूरत मिलन साबित हुई।