मध्यप्रदेश के 5 ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन, जहां से देश के हर कोने में जाती है ट्रैन

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By Raj RathorePublished On: December 4, 2025
MP Oldest Railway Station

MP Oldest Railway Station : भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, जो देश के हर कोने को जोड़ता है। इस विशाल नेटवर्क के केंद्र में मध्य प्रदेश स्थित है, जहां से गुजरने वाली ट्रेनें उत्तर को दक्षिण से और पूर्व को पश्चिम से जोड़ती हैं। प्रदेश में जहां एक ओर विश्वस्तरीय आधुनिक स्टेशन बन रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन भी हैं, जो 100-150 साल से भी ज्यादा पुराने हैं और आज भी पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं।

इन स्टेशनों की नींव ब्रिटिश शासन के दौरान रखी गई थी, जब भारत में रेलवे का विस्तार हो रहा था। ये सिर्फ ईंट-पत्थर की इमारतें नहीं, बल्कि भारत के औद्योगिक विकास और स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों के गवाह भी हैं। आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के ऐसे ही 5 सबसे पुराने और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों के बारे में।

1. इटारसी जंक्शन (Itarsi Junction)

इटारसी जंक्शन को मध्य प्रदेश का सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों में से एक माना जाता है। इसका निर्माण 1870 के दशक में ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (GIPR) द्वारा किया गया था। यह स्टेशन दिल्ली-चेन्नई (उत्तर-दक्षिण) और मुंबई-कोलकाता (पश्चिम-पूर्व) के मुख्य रेल मार्गों के क्रॉसिंग पॉइंट पर स्थित है। अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण, यहां से हर दिन 300 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। यह स्टेशन मालगाड़ियों के लिए भी एक प्रमुख केंद्र है, जो इसे भारतीय रेलवे के लिए आर्थिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण बनाता है।

2. जबलपुर जंक्शन (Jabalpur Junction)

जबलपुर स्टेशन का इतिहास भी काफी पुराना है। यह स्टेशन 1867 में इलाहाबाद-जबलपुर ब्रांच लाइन के हिस्से के रूप में खोला गया था, जो हावड़ा-इलाहाबाद-मुंबई लाइन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह पश्चिम मध्य रेलवे (West Central Railway) का मुख्यालय भी है। जबलपुर स्टेशन न केवल एक प्रमुख परिवहन केंद्र है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। यहां की इमारत आज भी विक्टोरियन वास्तुकला की झलक दिखाती है। यह स्टेशन मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाता है।

3. खंडवा जंक्शन (Khandwa Junction)

खंडवा जंक्शन का इतिहास भी 19वीं सदी से जुड़ा है। यह स्टेशन GIPR की मुख्य लाइन पर स्थित था और बाद में यह मीटर-गेज लाइनों का भी एक महत्वपूर्ण जंक्शन बन गया, जो इसे इंदौर और दक्षिण के अन्य हिस्सों से जोड़ता था। हालांकि अब मीटर-गेज लाइनों को ब्रॉड-गेज में बदला जा रहा है, लेकिन खंडवा का महत्व आज भी बरकरार है। यह स्टेशन महान गायक किशोर कुमार की जन्मस्थली के रूप में भी प्रसिद्ध है।

4. भोपाल जंक्शन (Bhopal Junction)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का मुख्य रेलवे स्टेशन भी राज्य के सबसे पुराने स्टेशनों में से एक है। इसका निर्माण 1884 में पूरा हुआ था और इसे दिल्ली-मुंबई मुख्य लाइन पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में विकसित किया गया। भोपाल रियासत के समय में भी यह स्टेशन एक प्रमुख केंद्र था। आज, भोपाल जंक्शन देश के सबसे व्यस्त स्टेशनों में गिना जाता है, जहां से राजधानी, शताब्दी और वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों सहित सैकड़ों गाड़ियां गुजरती हैं।

5. ग्वालियर जंक्शन (Gwalior Junction)

ग्वालियर का रेलवे स्टेशन अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इसका निर्माण 1880 के दशक के अंत में सिंधिया राजवंश के शासनकाल में हुआ था। यह स्टेशन तत्कालीन ‘सिंधिया स्टेट रेलवे’ का एक हिस्सा था, जिसे बाद में भारतीय रेलवे में मिला दिया गया। ग्वालियर स्टेशन आज भी दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-चेन्नई मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इसकी ऐतिहासिक इमारत और रणनीतिक स्थिति इसे मध्य प्रदेश के सबसे खास स्टेशनों में से एक बनाती है।

ये स्टेशन सिर्फ परिवहन के केंद्र नहीं, बल्कि इतिहास के वो पन्ने हैं जो हमें बताते हैं कि कैसे भारत ने आधुनिकता की ओर कदम बढ़ाया। आज भी ये पुराने स्टेशन लाखों लोगों की यात्रा का जरिया बनकर देश की सेवा कर रहे हैं।