मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है। अब महिलाएं मॉल हों, बाजार हों या फैक्ट्रियां हर जगह रात में भी अपनी सेवाएं दे सकेंगी। यह बदलाव प्रदेश में महिला कार्यबल को और अधिक अवसर देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, इसके लिए महिला कर्मचारी की लिखित सहमति अनिवार्य होगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी महिला अपनी इच्छा के विरुद्ध नाइट शिफ्ट में न लगाई जाए।
रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक महिलाओं को काम करने की अनुमति
नए प्रावधानों के अनुसार, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में महिलाएं रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक ड्यूटी कर सकेंगी। वहीं, फैक्ट्रियों में काम करने वाली महिलाओं के लिए समय सीमा रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक निर्धारित की गई है। सरकार ने यह भी तय किया है कि अगर किसी दुकान या बाजार में महिलाओं को रात की ड्यूटी पर लगाया जाता है, तो वहां कम से कम 10 या उससे अधिक महिला कर्मचारी मौजूद होनी चाहिए। यह व्यवस्था महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर लागू की गई है।
फैक्ट्रियों में महिला सुपरविजन अनिवार्य
फैक्ट्रियों के लिए एक और महत्वपूर्ण शर्त यह रखी गई है कि रात में काम करने वाले कुल कर्मचारियों में से कम-से-कम एक तिहाई (1/3) महिलाएं सुपरवाइजर या फोरमेन की भूमिका में हों। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महिलाओं की निगरानी और मार्गदर्शन के लिए महिला नेतृत्व उपलब्ध हो। इससे कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ेगी, और साथ ही नेतृत्व भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी भी मजबूत होगी। सरकार का मानना है कि इस फैसले से न केवल महिलाएं अधिक सशक्त होंगी, बल्कि उद्योग और सेवाक्षेत्र में भी विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
ओवरटाइम पर मिलेगा दोगुना वेतन, 14 नवंबर 2025 से नियम लागू
नया संशोधन यह भी स्पष्ट करता है कि अगर किसी कर्मचारी चाहे महिला हो या पुरुष से अतिरिक्त घंटों का काम लिया जाता है, तो उसे दोगुना वेतन देना अनिवार्य होगा। यह प्रावधान मध्यप्रदेश कारखाना संशोधन अधिनियम 2025 के तहत लागू किया गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह अधिनियम 14 नवंबर 2025 से पूरे प्रदेश में लागू हो गया है। सरकार पहले ही इसकी अधिसूचना जारी कर चुकी है, जिससे यह नियम अब कानूनी रूप से प्रभावी हो गया है।
रात की ड्यूटी के लिए पालन करनी होंगी ये अनिवार्य शर्तें
महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों को और सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने नियोक्ताओं पर कई जिम्मेदारियां भी तय की हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है कि महिलाओं की एंट्री और एक्ज़िट जगहों पर महिला सुरक्षा गार्ड की तैनाती जरूरी होगी। इसके अलावा, कार्यस्थल पर ऐसी कोई स्थिति न बने जिससे महिला कर्मचारियों को असुविधा या असुरक्षा महसूस हो।
नियोक्ताओं को स्वच्छ टॉयलेट, सुरक्षित पेयजल, भोजन की व्यवस्था और आराम करने के लिए रेस्ट रूम उपलब्ध कराना भी अनिवार्य है। साथ ही, यौन उत्पीड़न निरोध अधिनियम का कड़ाई से पालन करना होगा और किसी भी परिस्थिति में महिला कर्मचारियों को मेटरनिटी लीव से वंचित नहीं किया जा सकेगा।
महिलाओं के लिए सुरक्षित ट्रांसपोर्ट अनिवार्य
रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों को सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन सुविधा देना अनिवार्य कर दिया गया है। यह सुविधा घर से कार्यस्थल और कार्यस्थल से घर तक होगी, ताकि महिलाएं बिना किसी डर या जोखिम के नाइट शिफ्ट में काम कर सकें। यह नियम विशेषकर उन क्षेत्रों और उद्योगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जहां रात में सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं होता।










