प्रदेश में अब महिलाएं मॉल, बाजार और कारखानों में नाइट शिफ्ट में भी कार्य कर सकेंगी। इसके लिए उनकी लिखित सहमति आवश्यक होगी, साथ ही नियोक्ताओं को निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा। दुकानों और बाजारों में रात के समय महिला कर्मचारियों की ड्यूटी तभी लगाई जा सकेगी, जब वहां कम से कम 10 या उससे अधिक महिलाएं कार्यरत हों।
ओवरटाइम पर अब कर्मचारियों को मिलेगा दोगुना वेतन
कर्मचारियों से ओवरटाइम कार्य कराने पर अब उन्हें दोगुना वेतन देना होगा। सरकार ने मध्यप्रदेश कारखाना संशोधन अधिनियम 2025 के माध्यम से इसके लिए प्रावधान कर दिया है। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह संशोधन 14 नवंबर 2025 से प्रभावी हो गया है, जिसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है।
ये होंगी शर्तें
- टॉयलेट, पानी, भोजन और रेस्ट रूम की व्यवस्था।
- महिला कर्मचारियों के प्रवेश और निकास द्वार पर महिला सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था अनिवार्य होगी।
- सुरक्षित ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करनी होगी।
- महिलाओं को असुविधा न हो यह सुनिश्चित किया जाएगा।
- यौन उत्पीड़न निरोध अधिनियम का पालन अनिवार्य।
- मेटरनिटी लीव से वंचित नहीं किया जाएगा।
रात के 9 से सुबह 7 बजे तक कर सकेंगी काम
महिलाओं को अब रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक कार्य करने की अनुमति होगी, जबकि कारखानों में वे रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकेंगी। कारखानों में कम से कम एक-तिहाई महिला कर्मचारी शिफ्ट सुपरवाइजर या फोरमैन की भूमिका में होना आवश्यक है। यह व्यवस्था महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ ही प्रदेश के औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगी।










