BRTS तोड़ने में हो रही देरी, दिन में तोड़ रहे बस स्टाॅप, रात को हटा रहे रैलिंग, 9 महीने में सिर्फ एक किलोमीटर ही टूटा

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By Abhishek SinghPublished On: November 18, 2025

इंदौर की साढ़े 11 किलोमीटर लंबी बीआरटीएस कॉरिडोर का अब तक एक किलोमीटर हिस्सा भी ध्वस्त नहीं हो सका है। ठेकेदार एजेंसी ने अब दिन में बस स्टॉप हटाने और रात में रैलिंग तोड़ने का प्रस्ताव दिया है। ध्वस्तीकरण के बाद मिलने वाली सामग्री के उपयोग का अधिकार ठेकेदार के पास रहेगा, जिसके बदले उसे नगर निगम को ढाई करोड़ रुपये जमा करने होंगे। कम लाभ होने के कारण ठेकेदार फर्म यह काम अनिच्छा से कर रही है।



बीआरटीएस हटाने में लगातार हो रही देरी पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराज़गी जताई है। कोर्ट ने अधिकारियों को यह याद दिलाया कि भोपाल में बीआरटीएस मात्र 9 दिनों में हटा दिया गया था, जबकि इंदौर में 9 महीने बीत जाने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका है।

BRTS हटाने में सुस्ती पर कोर्ट की कड़ी टिप्पणी

कोर्ट ने टिप्पणी की कि जब किसी का मकान तोड़ना होता है, तो अधिकारी तुरंत मशीनरी के साथ मौके पर पहुँच जाते हैं, लेकिन बीआरटीएस हटाने में इतनी सुस्ती क्यों बरती जा रही है। अदालत ने अगली सुनवाई 26 नवंबर तय की है और कलेक्टर तथा नगर निगम आयुक्त को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।

पांच लाख में बने थे बस स्टॉप

बीआरटीएस के बस स्टॉपों को हटाने का काम अब शुरू हो गया है। व्हाइट चर्च दिशा वाले हिस्से में बस स्टॉपों का ध्वस्तीकरण जारी है। निर्माण के समय नगर निगम ने इन बस स्टॉपों पर बड़ी राशि खर्च की थी—स्वचालित दरवाज़े लगाए गए थे, जो सेंसर के माध्यम से बस के आते ही खुल जाते थे। इसके अलावा कांच की दीवारें और विदेश से मंगाई गई लकड़ी से तैयार की गई सिलिंग भी लगाई गई थी। एक बस स्टॉप के निर्माण पर पचास लाख रुपये से अधिक खर्च हुआ था। पूरे कॉरिडोर में पंद्रह से अधिक बस स्टॉप बने थे, जिन्हें अब हटाया जा रहा है।