Chhath Puja 2025: सनातन धर्म में मनाए जाने वाले सभी पर्व-त्योहारों में छठ पूजा का स्थान बेहद खास है। इसे लोक आस्था का महापर्व कहा जाता है। इस पर्व में भगवान सूर्य और छठी मैया की उपासना की जाती है। श्रद्धालु सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित कर अपने जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और परिवार की मंगलकामना करते हैं।
छठ पूजा की सबसे खास बात यह है कि यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि इसमें गहरी भावनाएं और परिवार के प्रति समर्पण की भावना भी जुड़ी होती है। खासकर उत्तर भारत जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के कुछ हिस्सों में यह पर्व बेहद धूमधाम से मनाया जाता है।
घर लौटते हैं लोग, उमड़ती है आस्था की भीड़
छठ पूजा का महत्व इतना है कि जो लोग काम या पढ़ाई के कारण बाहर रहते हैं, वे भी इस खास अवसर पर अपने घर लौटते हैं। इस दौरान गांव-शहर में एक अलग ही रौनक दिखाई देती है। घाटों पर साफ-सफाई की जाती है और वातावरण में भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
व्रत का महत्व और व्रती की जिम्मेदारी
छठ व्रत को बेहद कठिन और अनुशासन वाला व्रत माना जाता है। इस व्रत को करने वाले को ‘व्रती’ कहा जाता है। व्रत चार दिनों तक चलता है और इसमें छोटी सी भी गलती व्रत को खंडित कर सकती है। व्रत के दौरान व्रती को 36 घंटे तक निर्जला उपवास करना होता है। यानी इस दौरान न तो भोजन करना होता है और न ही पानी पीना।
- व्रती को जमीन पर सोना चाहिए और केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
- घर में तामसिक भोजन (मांस, मछली, शराब आदि) बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
- नकारात्मक विचारों, गुस्से और विवाद से दूर रहना चाहिए।
- किसी भी तरह के अपशब्दों का प्रयोग न करें।
छठ पूजा 2025 की तिथियां
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ऋषिकेश पंचांग के मुताबिक इस साल छठ महापर्व का शुभारंभ 25 अक्टूबर 2025 से होगा।
- 25 अक्टूबर – नहाय-खाय (व्रत की शुरुआत)
- 26 अक्टूबर – खरना, इसके बाद निर्जला व्रत की शुरुआत
- 27 अक्टूबर – डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा
- 28 अक्टूबर – उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होगा
इन चार दिनों के दौरान व्रती और उनके परिवार को बेहद पवित्रता और अनुशासन के साथ सभी नियमों का पालन करना जरूरी है।
साफ-सफाई और पवित्रता का महत्व
छठ पूजा में साफ-सफाई का खास महत्व है। माना जाता है कि व्रत के दौरान शुद्ध वातावरण और स्वच्छता से भगवान सूर्य और छठी मैया की कृपा प्राप्त होती है। इसीलिए घर और आसपास की जगह को अच्छी तरह से साफ किया जाता है।
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