ज्योतिष शास्त्र में देवताओं के गुरु बृहस्पति की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। बृहस्पति ज्ञान, धर्म, बुद्धिमत्ता और भाग्य के कारक होते हैं। वे लगभग हर 13 महीने में अपनी राशि बदलते हैं। कर्क राशि में गुरु का उच्च स्थान माना गया है, जबकि मकर में वे नीच के होते हैं। वर्तमान समय में बृहस्पति कर्क राशि में स्थित हैं, जिससे शक्तिशाली हंस योग बन रहा है, जो जातकों को विशेष सौभाग्य प्रदान करता है। दिसंबर महीने में यह प्रभाव समाप्त होगा, लेकिन 2 जून 2026 को बृहस्पति एक बार फिर अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश करेंगे, जिससे दोबारा हंस महापुरुष राजयोग सक्रिय हो जाएगा। यह अद्भुत योग अक्टूबर 2026 तक शुभ फल देता रहेगा, और इस अवधि में तीन राशियों के भाग्य में विशेष उछाल देखने को मिलेगा।
कर्क राशि – जीवन में नई चमक और उपलब्धियों का समय
कर्क राशि वालों के लिए हंस राजयोग बेहद शानदार साबित हो सकता है। इस परिवर्तन का असर जीवन के लगभग हर क्षेत्र में दिखाई देगा। लंबे समय से रुके हुए कार्यों में प्रगति होगी, और आर्थिक मामलों में भी राहत मिल सकती है। प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठे विद्यार्थियों के लिए यह अवधि प्रचंड सफलता का द्वार खोल सकती है। घर, जमीन या वाहन खरीदने जैसे बड़े फैसले भी इस समय फलदायी रहेंगे। नौकरीपेशा लोगों के लिए प्रमोशन और वेतनवृद्धि के संकेत मजबूत हैं, वहीं व्यापारियों को अच्छा लाभ मिल सकता है। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा और पारिवारिक जीवन भी सुखद रहेगा।
मेष राशि – आय में बढ़ोतरी और आर्थिक मजबूती की शुरुआत
मेष राशि के जातकों को हंस राजयोग का पूरा-पूरा लाभ मिलने की संभावनाएं हैं। इस दौरान अचानक आय के नए स्रोत खुल सकते हैं और आर्थिक हालत लगातार मजबूत होने लगेंगी। यदि कोई बड़ा निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए बेहद पॉजिटिव साबित हो सकता है। व्यापार में तरक्की के नए मौके मिलेंगे और स्वास्थ्य भी सामान्य से बेहतर बना रहेगा। परिवार का साथ मिलेगा और सामाजिक प्रतिष्ठा में भी अच्छा इजाफा देखने को मिलेगा। यात्राओं से लाभ होने के योग भी प्रबल हैं।
कन्या राशि – रुका धन मिलेगा, करियर और बिजनेस में तेजी आएगी
कन्या राशि के जातकों के लिए यह समय अत्यंत मंगलकारी साबित हो सकता है। जिन लोगों का धन कहीं अटका हुआ है, उसके वापस मिलने की पूरी संभावना है। करियर के नए मार्ग खुलेंगे और व्यापार में भी तेजी आएगी। संतान की ओर से शुभ समाचार मिलेगा, जिससे मन प्रसन्न रहेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा और आर्थिक स्थिति बेहद मजबूत होती चली जाएगी। भाग्य का अद्भुत साथ मिलेगा, जिससे कठिन काम भी आसानी से बनते दिखेंगे। परिवारजनों और रिश्तेदारों के साथ संबंध और अधिक मधुर होंगे।
कुंडली में कैसे बनता है हंस राजयोग?
हंस राजयोग वैदिक ज्योतिष में महापुरुष योगों में से एक माना जाता है। यह तभी बनता है जब बृहस्पति ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली में केंद्र भाव (पहला, चौथा, सातवां या दसवां भाव) में स्थित हों और उनकी स्थिति अपनी स्वयं की राशि — धनु या मीन — या उच्च राशि कर्क में हो। ऐसे जातक जीवन में धन, ज्ञान, सम्मान और सफलता से भरा जीवन जीते हैं। यह योग अद्वितीय बुद्धिमत्ता, आध्यात्मिकता और प्रतिष्ठा भी प्रदान करता है।









