76वें संविधान दिवस पर उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। लखनऊ के लोकभवन सभागार में भी प्रस्तावना का सामूहिक वाचन और शपथ ग्रहण हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाग लिया। उन्होंने प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
न्याय, समता और बंधुता हमारे संविधान की मूल आत्मा हैं। ‘भारत रत्न’ डॉ. भीमराव आंबेडकर की दूरदृष्टि, प्रखर चिंतन और निरंतर प्रयासों से तैयार हुआ भारतीय संविधान विश्व के सबसे मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक माना जाता है। यह संविधान न केवल राष्ट्र की एकता, अखंडता और विकास की आधारशिला है, बल्कि हर नागरिक को समान अधिकार, गरिमा और अवसर सुनिश्चित करता है।
संविधान का अपमान, राष्ट्रनिर्माताओं का अपमान
सीएम योगी ने कहा कि संविधान का अनादर करना, बाबा साहेब अम्बेडकर, स्वतंत्रता सेनानियों और देश की आधी आबादी का अपमान करने के समान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करके ही आत्मनिर्भर और विकसित भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
संविधान अंगीकरण का ऐतिहासिक दिन
सीएम योगी ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है, जहाँ प्रारंभ से ही सभी वयस्क नागरिकों को मतदान का अधिकार प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर 1949 को संविधान अंगीकृत किया गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 2015 से इसे पूरे देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। संविधान सभा ने 2 वर्ष 11 माह और 18 दिनों में संविधान का निर्माण किया, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद अध्यक्ष थे और डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता वाली ड्राफ्टिंग कमेटी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।