एमपी के 424 जनजातीय गांवों में आएगा बदलाव, इस अभियान से मिलेंगी यह नई सुविधाएं

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By Raj RathorePublished On: September 6, 2025

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में रहने वाले जनजातीय समुदाय के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम उठाया गया है। यहां 424 आदिवासी बहुल गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए “आदि कर्मयोगी अभियान” की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत ग्रामीणों को शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कलेक्टर भव्या मित्तल के अनुसार, यह पहल सामुदायिक सहभागिता पर आधारित होगी, जिसमें स्वयं गांव वाले मिलकर अपने भविष्य की विकास कार्ययोजना तैयार करेंगे।


गांवों को क्लस्टर में बांटकर होगा विकास

अभियान की कार्यप्रणाली को मजबूत करने के लिए 424 गांवों को अलग-अलग क्लस्टर में बांटा गया है। जिन मास्टर ट्रेनर्स को पहले चरण में तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया गया है, वे आगे इन क्लस्टर्स में प्रशिक्षण देंगे। प्रत्येक गांव में आदि कर्मयोगी, आदि सहयोगी और आदि साथी की नियुक्ति की जाएगी, ताकि स्थानीय स्तर पर काम निरंतर चलता रहे। साथ ही, प्रत्येक गांव में एक आदि सेवा केंद्र खोला जाएगा, जो ग्रामीणों की आवश्यकताओं को पूरा करने और योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद करेगा।

विज़न 2030 के तहत बनेगी विकास योजना

इस अभियान का मुख्य लक्ष्य वर्ष 2030 तक एक सस्टेनेबल (सतत) विकास मॉडल तैयार करना है। इसके लिए ग्राम सभा की बैठकों का आयोजन किया जाएगा, जहां गांव के लोग मिलकर अपने गांव की जनसांख्यिकी, संसाधन और मौजूदा जरूरतों का आकलन करेंगे। ग्रामवासियों के साथ ट्रांजेक्ट वॉक भी होगा, जिसमें गांव की अधोसंरचना और सुविधाओं की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया जाएगा। इस आधार पर हर गांव का एक विजन प्लान तैयार होगा, जिसे चौथी बैठक में ग्राम सभा की स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही, आदि सेवा केंद्र का उद्घाटन भी किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया 15 नवंबर तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।

विकासखंड स्तर पर होगा विशेष प्रशिक्षण

अभियान को गति देने के लिए 7 से 15 सितंबर के बीच जिले के सभी विकासखंडों में दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इन कार्यशालाओं में प्रतिभागियों को अभियान से संबंधित गहन जानकारी दी जाएगी। साथ ही, सभी का पंजीकरण आदि कर्मयोगी पोर्टल पर किया जाएगा ताकि योजनाओं और गतिविधियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जा सके। इस प्रशिक्षण के जरिए प्रतिभागियों को न केवल तकनीकी जानकारी दी जाएगी बल्कि उन्हें सामुदायिक नेतृत्व और जनभागीदारी को मजबूत करने की भी प्रेरणा दी जाएगी।