अगले 24 घंटों में इन 12 जिलों में होगी मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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By Raj RathorePublished On: September 6, 2025

मध्यप्रदेश में पिछले एक सप्ताह से लगातार कहीं तेज़ तो कहीं धीमी बारिश हो रही है। शुक्रवार को कई जिलों में झमाझम वर्षा हुई, खासतौर से मालवा और चंबल अंचल में। उज्जैन में सर्वाधिक 5 सेमी और इंदौर में 4 सेमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने शनिवार के लिए झाबुआ, रतलाम, मंदसौर और नीमच सहित 12 जिलों में भारी बारिश (Heavy Rain) का अलर्ट जारी किया है। फिलहाल सक्रिय मानसूनी सिस्टम अगले 24 से 48 घंटों में आगे बढ़ जाएगा, जिसके बाद वर्षा की तीव्रता में कमी आने लगेगी। विभाग के अनुसार रविवार से अगले 5 दिनों तक लोगों को बारिश से आंशिक राहत मिल सकती है।


जिन जिलों में जारी हुआ अलर्ट

मौसम विभाग ने जिन जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी दी है, उनमें उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, झाबुआ, धार, शाजापुर, राजगढ़, गुना और श्योपुर प्रमुख हैं। लगातार हो रही वर्षा से नदियों और बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कई जिलों में निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन चुकी है।

भोपाल का बड़ा तालाब और कोलांस नदी का जलस्तर

राजधानी भोपाल में शुक्रवार को बड़ा तालाब फुल टैंक लेवल (1666.80 फीट) से मात्र एक फीट नीचे पहुंच गया। फिलहाल इसका स्तर 1665.80 फीट दर्ज किया गया। सीहोर इलाके में भारी वर्षा से कोलांस नदी उफान पर है और जलस्तर सामान्य से करीब 2 फीट ऊपर बह रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 24 घंटे में बड़ा तालाब पूरी तरह भर जाएगा, जिसके बाद भदभदा डैम के गेट खोले जाने की संभावना है।

नर्मदा नदी का बढ़ता जलस्तर

खरगोन जिले में ओंकारेश्वर बांध से 21 गेट खोलकर पानी छोड़े जाने के बाद नर्मदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। शुक्रवार को महेश्वर के सभी घाट जलमग्न हो गए और पानी ऐतिहासिक किले की अष्टपहलू सीढ़ियों तक पहुंच गया। प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घाटों पर आवागमन रोक दिया है और निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।

उज्जैन और शिप्रा नदी की स्थिति

उज्जैन में शिप्रा नदी उफान पर है। रामघाट और दत्त अखाड़ा सहित अधिकांश घाट जलमग्न हो गए हैं। कई मंदिर भी डूब क्षेत्र में आ गए हैं। हालांकि गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को डूब क्षेत्र कुछ कम हुआ। छोटा पुल दूसरे दिन भी पूरी तरह डूबा रहा, जिसके चलते यहां आवाजाही ठप रही।

इंदौर में लगातार तीन दिन से वर्षा

इंदौर जिले में लगातार तीसरे दिन बारिश का सिलसिला जारी रहा। शुक्रवार दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक 46 मिमी (करीब 1.8 इंच) बारिश दर्ज की गई। बीते तीन दिनों की कुल वर्षा पिछले साल की तुलना में दो इंच अधिक रही। भारी बारिश को देखते हुए शनिवार को जिले के सभी शासकीय, अशासकीय और अनुदान प्राप्त स्कूलों (कक्षा 1 से 12 तक) में अवकाश घोषित कर दिया गया। यही आदेश आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी लागू किया गया है।

फसलों को हो रहा व्यापक नुकसान

प्रदेश में सोयाबीन, उड़द, तिल और बाजरा जैसी खरीफ फसलों को लगातार हो रही बारिश से भारी नुकसान हुआ है। कई खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें सड़ने-गलने लगी हैं। श्योपुर के विजयपुर ब्लॉक के गोपालपुर गांव में उड़द की फसल पूरी तरह डूब गई। वहीं खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बैतूल और छिंदवाड़ा में मक्का की फसल दलदल के कारण बिछने लगी है। धान को छोड़कर बाकी सभी खरीफ फसलों की ग्रोथ रुक गई है। कृषि विशेषज्ञों और किसानों का कहना है कि उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा और पैदावार घटेगी।

कुंडालिया बांध से छोड़ा गया पानी

आगर-मालवा जिले में नलखेड़ा क्षेत्र के नदी-नाले उफान पर हैं। कुंडालिया बांध में जलभराव बढ़ने के चलते इस सीजन में पहली बार 8 गेट खोले गए। रात में इनमें से 5 गेट खुले रहे। घट्टिया तहसील के बिछड़ौद इलाके में 3 घंटे की मूसलधार बारिश ने गांव का संपर्क अन्य इलाकों से काट दिया।

पहले से प्रभावित क्षेत्र और नुकसान

अगस्त की शुरुआत में रीवा, ग्वालियर, सागर और भोपाल संभागों में एक सप्ताह तक लगातार भारी वर्षा हुई थी, जिसके कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी थी। उस दौरान हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं। सरकार ने तत्काल राहत के तौर पर 28 हजार से अधिक प्रभावित लोगों को करीब 30 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी थी। हालांकि इसमें फसल नुकसान की भरपाई शामिल नहीं थी।