Sumit Mishra का एक और विवाद आया सामने, नशे में गाड़ी चलाने वाले को छोड़ने के लिए पुलिस पर बनाया दबाव, फिर थाने में…

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By Raj RathorePublished On: August 19, 2025

मेयर पुष्यमित्र भार्गव के निजी जीवन पर टिप्पणी करके सुर्खियों में आए सुमित मिश्रा एक बार फिर विवादों में आ गए है। इस बार उन पर पुलिस पर नशेड़ी को छोड़ने के लिए दवाब बनाने का आरोप लगा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नगर अध्यक्ष नशे में धुत अपने करीबी व्यापारी मित्र को बचाने के लिए रविवार रात पुलिस पर दवाब बना रहे थे।

नशे में पुलिस से अड़ा व्यापारी

रविवार देर रात चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस ने मिश्रा के करीबी व्यापारी नरेंद्र को शराब के नशे में कार चलाते हुए पकड़ लिया था। जब ब्रेथ एनालाइजर से जांच कराने को कहा गया तो उन्होंने फूंकने से इंकार कर दिया और पुलिस से बहस शुरू कर दी। इसी दौरान उन्होंने मोबाइल निकालकर नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया। सबसे पहले नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने फोन कर पुलिस पर व्यापारी को छोड़ने का दबाव बनाया। पुलिस के न झुकने पर उन्हें गुस्सा आ गया और नशेड़ी को छुड़वाने के लिए उन्होंने अपने लोगों को सीधे थाने भेज दिया।

महेंद्र हार्डिया भी नहीं रहे पीछे…

थोड़ी ही देर बाद विधायक महेंद्र हार्डिया ने भी पुलिस को फोन कर कार्रवाई रुकवाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने दबाव के बावजूद व्यापारी की गाड़ी जब्त कर चालानी कार्रवाई पूरी की। घटना के बाद नगर अध्यक्ष और विधायक दोनों ही पुलिस से नाराज बताए जा रहे हैं। अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब एक तरफ इंदौर से ही मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सार्वजनिक मंचों से नशाखोरी के खिलाफ सख़्त कदम उठाने की बात करते है तो फिर दूसरी तरफ नगर अध्यक्ष ही पुलिस पर दबाव डालकर नशेड़ियों को बचाने की कोशिश क्यों कर रहे है? क्या यह स्थिति “हमारी सरकार में हमारी ही नहीं चलेगी” वाली सोच पर गंभीर सवाल नहीं उठाती?