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स्वतंत्रता दिवस पर सीएम का देसी अंदाज, धोती-कुर्ता और सतरंगी पगड़ी में फहराया तिरंगा, प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

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By Abhishek SinghPublished On: August 15, 2025

स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ पर 15 अगस्त को राजधानी भोपाल स्थित लाल परेड ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। इस अवसर पर वे धोती-कुर्ता, नारंगी जैकेट और सतरंगी पगड़ी में पारंपरिक अंदाज़ में नज़र आए। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए सरकार की उपलब्धियां साझा कीं। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख किया और लाड़ली बहनों को ₹1500 देने की अपनी पूर्व घोषणा को दोहराया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती उन असंख्य जननायकों की जन्मभूमि रही है, जिन्होंने मां भारती की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए विश्व ने भारत की शक्ति और सामर्थ्य का प्रत्यक्ष अनुभव किया है। चाहे युद्ध में नई तकनीक अपनाने की पहल हो या सेना को अत्याधुनिक अस्त्र-शस्त्र से लैस करने का कार्य—हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें कोई कमी नहीं छोड़ी। हमने भारत की एकता और अखंडता पर नज़र डालने वालों को स्पष्ट संदेश दिया है—“जिस भाषा में जो समझे, उसी में जवाब देंगे… देश-धर्म की खातिर सच्चाई बेझिझक कहेंगे… और देश के वीर सपूतों को सौ-सौ नमन करेंगे, जिनके शौर्य का वर्णन अक्षरों में सिंदूर सा दमकेगा।”

स्वतंत्रता दिवस पर सीएम का देसी अंदाज, धोती-कुर्ता और सतरंगी पगड़ी में फहराया तिरंगा, प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के 11 वर्ष अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरे हैं। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के सिद्धांत पर चलते हुए देश ने जन-केन्द्रित, समावेशी और सर्वांगीण प्रगति को प्राथमिकता दी है। इसी अवधि में भारत विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना है। वर्तमान में भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और शीघ्र ही तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा।

जबलपुर में देवड़ा, शहडोल में शुक्ल ने फहराया तिरंगा

उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने जबलपुर, जबकि उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने शहडोल में ध्वजारोहण किया। विभिन्न जिलों में मंत्रियों ने भी स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया—डॉ. कुंवर विजय शाह ने रतलाम, कैलाश विजयवर्गीय ने धार, प्रहलाद सिंह पटेल ने भिंड, राकेश सिंह ने नर्मदापुरम, करन सिंह वर्मा ने मुरैना, उदय प्रताप सिंह ने बालाघाट, सम्पतिया उइके ने मंडला, तुलसीराम सिलावट ने बुरहानपुर, एदल सिंह कंषाना ने दतिया, निर्मला भूरिया ने मंदसौर, गोविंद सिंह राजपूत ने नरसिंहपुर, विश्वास सारंग ने खरगौन, नारायण सिंह कुशवाह ने ग्वालियर, नागर सिंह चौहान ने अलीराजपुर, प्रदुम्न सिंह तोमर ने शिवपुरी और राकेश शुक्ला ने श्योपुर में ध्वजारोहण किया।

वहीं, स्वतंत्रता दिवस पर अन्य जिलों में भी मंत्रियों और राज्य मंत्रियों ने ध्वजारोहण किया। मंत्री चैतन्य काश्यप ने राजगढ़, इन्दर सिंह परमार ने दमोह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने सीहोर, धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ने खंडवा, दिलीप जायसवाल ने सीधी, गौतम टेटवाल ने बड़वानी, लखन पटेल ने मऊगंज, नारायण सिंह पंवार ने रायसेन, जबकि राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने बैतूल, प्रतिमा बागरी ने डिंडोरी, दिलीप अहिरवार ने अनूपपुर और राधा सिंह ने सिंगरौली में तिरंगा फहराया।

स्वदेशी अपनाएं, देश को आत्मनिर्भर बनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ कोई साधारण नारा नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का अटूट संकल्प है—अपने बलबूते खड़े होने का, नवाचार से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने का और अपनी क्षमता को विश्व के साथ साझा करने का। प्रधानमंत्री के शब्दों में, यह केवल सरकारी योजना नहीं बल्कि एक जीवंत जन-आंदोलन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत’ की राह, स्वदेशी के प्रति समर्पण से ही संभव है। देशवासियों को बस अपनी शक्ति और सामर्थ्य पहचाननी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि मध्यप्रदेश, करोड़ों भारतवासियों के इस संकल्प को पूरा करने का सशक्त माध्यम बन रहा है। हमने संकटों का सामना किया है, बाधाओं से लोहा लिया है, और परिस्थितियां कैसी भी रही हों, अपने पुरुषार्थ और पराक्रम से आगे बढ़े हैं। आज यह संकल्प लेने का दिन है कि हम स्वदेश के हित में स्वदेशी को अपनाएंगे और उसका प्रसार करेंगे।

उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा में रचा-बसा ‘स्वदेशी’ केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व का मंत्र है। प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ के आह्वान के अनुरूप हमें हर क्षेत्र—तकनीक, विनिर्माण, स्टार्टअप, कृषि, ऊर्जा और रक्षा—में स्वदेशी को आधार बनाना है, ताकि प्रत्येक उत्पाद हमारे कौशल, श्रम और संसाधनों से निर्मित हो। प्राकृतिक खेती से लेकर सेमीकंडक्टर मिशन तक, अंतरिक्ष अनुसंधान से लेकर स्वदेशी युद्धपोत निर्माण तक, हमें भारत को नवाचार और उत्पादन की अग्रिम पंक्ति में स्थापित करना है। जिस प्रकार खादी के एक धागे ने स्वतंत्रता संग्राम को शक्ति दी थी, उसी तरह स्वदेशी का प्रत्येक कदम हमें विकसित भारत के संकल्प के करीब ले जाएगा।