वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की सुख-समृद्धि, धन और शांति बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है। कई बार हम अनजाने में ऐसी छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं, जो मां लक्ष्मी को अप्रसन्न कर देती हैं। इससे घर में दरिद्रता, मानसिक तनाव और आर्थिक संकट दस्तक देने लगते हैं। आइए जानते हैं ऐसी 4 प्रमुख आदतों के बारे में, जो नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करती हैं।
सूर्यास्त के समय सोना
वास्तु शास्त्र में शाम के समय को अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है, क्योंकि यह समय मां लक्ष्मी के आगमन का होता है। यदि कोई व्यक्ति इस समय सोता है, तो यह देवी लक्ष्मी के अपमान के समान माना जाता है। इससे न केवल आर्थिक समस्याएं आती हैं, बल्कि जीवन में तरक्की के रास्ते भी रुक सकते हैं। इसलिए सूर्यास्त से पहले जागने और स्वच्छ रहने की आदत अपनानी चाहिए।

रात में जूठे बर्तन छोड़ देना
रात का भोजन करने के बाद बर्तन साफ न करना, रसोई को गंदा छोड़ना मां अन्नपूर्णा को नाराज कर सकता है। इससे अन्न की बरकत कम होने लगती है और मां लक्ष्मी भी ऐसे घर में प्रवेश नहीं करतीं। रात को सोने से पहले बर्तन साफ कर लेना और किचन को व्यवस्थित रखना शुभ होता है।
बिस्तर पर भोजन करना
स्वस्थ जीवन और सकारात्मक ऊर्जा के लिए भोजन को उचित स्थान पर करना जरूरी है। बिस्तर पर बैठकर खाना वास्तु के अनुसार गलत माना गया है। इससे घर में दरिद्रता आती है और मानसिक अशांति बनी रहती है। बिस्तर भोजन के लिए नहीं, विश्राम के लिए होता है। इसलिए हमेशा भोजन को डाइनिंग टेबल या रसोईघर में ही करना चाहिए।
फटे और पुराने जूते पहनना
साफ-सफाई और स्वच्छता देवी लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। ऐसे में फटे-पुराने जूते-चप्पल पहनना न केवल आपकी छवि को प्रभावित करता है, बल्कि यह दुर्भाग्य और रुकावटों को भी आमंत्रित करता है। इसलिए समय-समय पर पुराने जूतों को बदलना और साफ-सुथरे जूते पहनना आवश्यक है।
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