एमपी में यहां बन रहा है वर्ल्ड क्लास शहर, 5 हजार करोड़ में होगा विकास, भूमि अधिग्रहण पर किसानों को मिलेगा दोगुना मुआवजा

मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन में 5000 करोड़ रुपए की लागत से एक विश्वस्तरीय स्थायी कुंभ सिटी बनाने की योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य सिंहस्थ कुंभ 2028 के लिए आदर्श शहर का निर्माण करना है। इस प्रोजेक्ट में चौड़ी सड़कों, आधुनिक अस्पतालों, स्कूलों और आकर्षक चौराहों के साथ 2378 हेक्टेयर भूमि पर विकास किया जाएगा। किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए दोगुना मुआवजा मिलेगा, जिससे वे लाभान्वित होंगे।

Srashti Bisen
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MP News : मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है, जिसके तहत उज्जैन में एक विश्वस्तरीय शहर विकसित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर कुल 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, और इसे धर्मनगरी उज्जैन में स्थायी कुंभ सिटी के रूप में बनाया जाएगा।

यहां चिकनी और सपाट सड़कों, आधुनिक बिल्डिंग्स, विशाल अस्पतालों, स्कूलों, और आकर्षक चौराहों का निर्माण किया जाएगा, जिससे यह शहर पूरी दुनिया में एक आदर्श शहर के रूप में स्थापित होगा।

उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के लिए स्थायी कुंभ सिटी का निर्माण

उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ के मद्देनजर, सरकार ने स्थायी कुंभ सिटी बनाने की योजना बनाई है। उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई इस योजना के तहत 2378 हेक्टेयर भूमि पर यह शहर विकसित किया जाएगा। इस शहर में चौड़ी सड़कें, आधुनिक अस्पताल, स्कूल और खूबसूरत चौराहे बनाए जाएंगे, जिससे यह वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक बनेगा।

किसानों को दोगुना मुआवजा

इस परियोजना के तहत जिन किसानों की ज़मीन अधिग्रहीत की जाएगी, उन्हें दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। मेला अधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि किसानों को इस योजना से अच्छे फायदे होंगे, क्योंकि उन्हें 18 मीटर चौड़ी सड़क के लिए भूमि दी जाएगी। साथ ही, जो किसान लैंड पुलिंग के लिए तैयार नहीं हैं, उन्हें भूमि अधिग्रहण का विकल्प भी दिया जाएगा। इसके अंतर्गत, किसान अपनी ज़मीन को कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार बेच सकते हैं, जिससे उनकी ज़मीन की कीमत में वृद्धि होगी।

हालांकि कुछ किसान इस योजना का विरोध कर रहे हैं, लेकिन मेला अधिकारी का कहना है कि इस योजना से न सिर्फ उज्जैन को वैश्विक पहचान मिलेगी, बल्कि यह किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। सिंहस्थ कुंभ मेला अधिकारी ने बताया कि यह प्रदेश की पहली ऐसी योजना होगी, जिसमें इतने बड़े पैमाने पर एक नई धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी विकसित की जाएगी।