MP के सिंगरौली का आंगनवाड़ी घोटाला, ₹610 की थाली और ₹1000 की बाल्टी, जानिए कौन खा रहा जनता का पैसा ?

सिंगरौली जिले की आंगनवाड़ियों में बर्तनों की खरीद में भारी घोटाला सामने आया, जहां सामान बाजार दर से कई गुना महंगा खरीदा गया। करोड़ों रुपये के इस घोटाले ने सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की आशंका को बढ़ा दिया।

Abhishek Singh
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कुछ महीने पहले, मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की आंगनवाड़ियों में बर्तनों की खरीद से जुड़ा एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ। आरोप है कि अधिकारियों ने इन वस्तुओं को बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदा। उदाहरण के लिए, एक थाली ₹610 में और एक बाल्टी ₹1000 में खरीदी गई। इस मामले में करोड़ों रुपये खर्च किए गए, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की आशंका गहरा गई।

विधायक ने उठाए सवाल, जांच में सामने आईं चौंकाने वाली अनियमितताएं

दरअसल, कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने सिंगरौली में आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए की गई बर्तन खरीद में गड़बड़ियों को लेकर सवाल उठाए थे। उनके इस मुद्दे को उठाने के बाद अधिकारियों की अनियमितताओं से जुड़ी अहम जानकारियां सामने आईं। जांच में पता चला कि सरकारी दस्तावेजों में बर्तनों की कीमतें बाजार दर से कई गुना अधिक दर्ज की गई थीं, जिससे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का संदेह गहराया।

महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक ने अपने जवाब में एक दर सूची प्रस्तुत की, जिससे सिंगरौली के अधिकारियों द्वारा की गई खरीद का पर्दाफाश हुआ। इस सूची में दर्शाया गया कि कई वस्तुओं के लिए वास्तविक बाजार मूल्य से अत्यधिक अधिक कीमत चुकाई गई थी। जांच में यह सामने आया कि एक थाली के लिए ₹610 और एक बाल्टी के लिए ₹1000 का भुगतान किया गया, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग का गंभीर संदेह उत्पन्न हुआ।

चौंकाने वाली बात यह है कि केवल थालियों की खरीद पर ही 2.83 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि बाल्टियों के लिए 31 लाख रुपये, गिलासों पर 74 लाख रुपये, चम्मचों के लिए 17 लाख रुपये और कंटेनरों पर 61 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इन आंकड़ों से सरकारी धन के भारी दुरुपयोग का अंदेशा और गहरा हो गया है।

घोटाले का नया मोड़, बाहर से हुई बर्तनों की खरीद

इस घोटाले से जुड़ा एक और हैरान करने वाला तथ्य यह है कि आंगनवाड़ियों के लिए खरीदे गए बर्तन न तो सिंगरौली, न ही भोपाल और न ही आसपास के किसी जिले से लिए गए थे। बल्कि, इन्हें छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले से मंगवाया गया, जिससे खरीद प्रक्रिया पर और अधिक सवाल खड़े हो गए हैं।

अधिकारियों ने खुले बाजार से उचित दरों पर सामान खरीदने के बजाय गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल के माध्यम से कई गुना अधिक कीमत पर यह सौदा किया। बर्तनों की कीमतें वास्तविक बाजार दर की तुलना में काफी ज्यादा चुकाई गईं, जिससे खरीद प्रक्रिया की पारदर्शिता और नियत पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

घोटाले की जांच के लिए बनी विशेष समिति

महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में आ चुका है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

घोटाले की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जो पूरी प्रक्रिया की बारीकी से जांच कर रही है। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि अनियमितताओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा और जल्द ही कड़े कदम उठाए जाएंगे।